भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद नवंबर तक सुलझने की उम्मीद, मुख्य आर्थिक सलाहकार का बयान

भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने उम्मीद जताई है कि भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद नवंबर तक सुलझ सकता है। उनका कहना है कि दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय बातचीत जारी है और आने वाले हफ्तों में सकारात्मक नतीजे देखने को मिल सकते हैं।
टैरिफ विवाद की पृष्ठभूमि
अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिनमें से कुछ वस्तुओं पर टैरिफ 50% तक बढ़ा दिया गया है। इसमें लगभग 25% शुल्क रूस से कच्चे तेल की खरीद के कारण लगाया गया है। भारत चाहता है कि इस अतिरिक्त शुल्क को घटाकर 15% तक किया जाए। भारत का तर्क है कि जब शुल्क कम होगा तो उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता बढ़ेगी, जिससे मांग, उत्पादन, आय और रोजगार सबमें वृद्धि होगी। इसे आर्थिक विकास का “वर्चुअस सर्कल” बताया गया।
ट्रंप प्रशासन से शुरू हुआ विवाद
यह विवाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में शुरू हुआ था। उस समय भारत ने रूस से तेल आयात को राष्ट्रीय हित में बताया था। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के बाद अमेरिका का रुख कुछ नरम हुआ है। ट्रंप ने भी मोदी के साथ अपने अच्छे रिश्तों का जिक्र किया और उनके जन्मदिन पर बधाई दी।
आगे की संभावनाएं
यह विवाद सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को भी प्रभावित करता है। यदि समाधान निकलता है तो भारतीय उद्योग और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और भारत-अमेरिका के रिश्ते और गहरे होंगे। नागेश्वरन का मानना है कि अगले 8 से 10 हफ्तों में यह विवाद खत्म हो सकता है और इससे द्विपक्षीय सहयोग को नई मजबूती मिलेगी।