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रेल हादसे में दोनों पैर और एक हाथ गंवाए, फिर भी नहीं मानी हार, यूपीएससी क्रैक कर रचा इतिहास, जानें कौन है ये

आईएएस सूरज तिवारी
एक रेल हादसे में दोनों पैर और एक हाथ खो चुके सूरज तिवारी ने यूपीएससी क्रैक कर इतिहास रच दिया है। मैनपुरी के सूरज तिवारी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 971वीं रैंक हासिल की थी।

पिता हैं दर्जी
सूरज तिवारी मैनपुरी जिले के कुरावली तहसील के मोहल्ला घरनाजपुर के रहने वाले राजेश तिवारी के बेटे हैं। सूरज के पिता राजेश तिवारी दर्जी का काम करते हैं।

बिना कोचिंग आईएएस
सूरज तिवारी ने प्रारंभिक शिक्षा नगर के महर्षि परशुराम स्कूल से की। 2011 में एसबीआरएल इंटर कॉलेज मैनपुरी से दसवीं और 2014 में संपूर्णानंद इंटर कॉलेज अरम सराय बेवर से उत्तीर्ण किया। पहले ही अटेंप्ट में उन्होंने इस कठिन एग्जाम को क्लियर कर लिया। यूपीएससी एग्जाम के लिए सूरज ने कहीं से कोई भी कोचिंग नहीं ली।

ग्रेजुएशन के दौरान हादसा
साल 2017 में वह बीएससी कर रहे थे। बता दें कि सूरज तिवारी 24 जनवरी 2017 को रेल से यात्रा कर रहे थे। दादरी में ट्रेन से यात्रा के वक्त उनके साथ एक दुर्घटना हुई जिसमें उन्होंने अपने दोनों पैरों के साथ-साथ अपने दाहिने हाथ और बाएं हाथ की दो अंगुलियों को खो दिया था।

नहीं टूटा हौसला
इस हादसे के बाद वह चार माह तक अस्पताल में रहे और करीब तीन माह तक बेड रेस्ट पर। इस भयानक हादसे के बाद उनका जज्बा नहीं टूटा और वह तैयारी में जुट गए।

जेएनयू में दाखिला
वर्ष 2018 में उन्होंने जेएनयू दिल्ली में नए सिरे से बीए में प्रवेश लिया। वहां से वर्ष 2021 में बीए पास किया और एमए के प्रवेश ले लिया।

इंटरव्यू में सवाल
सूरज तिवारी से सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू में उनके गृह जनपद मैनपुरी और मुलायम सिंह यादव, रशियन लैंग्वेज, इंडियन इकोनॉमी, रशिया-यूक्रेन युद्ध और सूरज तिवारी के साथ हुए हादसे के बारे में पूछा।

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