Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group
उत्तर प्रदेशराज्य समाचार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 25 कंपनियों के 45 शीर्ष प्रोफेशनल्स की महत्वपूर्ण भेंट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 25 कंपनियों के 45 शीर्ष प्रोफेशनल्स की महत्वपूर्ण भेंट

उद्यमियों ने मुख्यमंत्री को दिए मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी, बायो रिफाइनरी, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग और सर्विस सेक्टर से जुड़े ₹6500 करोड़ के निवेश प्रस्ताव

2017 के पहले के दुःस्वप्न को भूल नए भारत के नए यूपी को का करें अनुभव: मुख्यमंत्री

हर निवेशक की पाई-पाई सुरक्षित, विकास और ग्रोथ की गारंटी वाला नया उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री

बोले उद्यमी, यूपी के साथ मिलकर काम करने की है इच्छा, अब सब खच है अनुकूल

नए उत्तर प्रदेश को समझने और निवेश की संभावनाएं जानने का मुख्यमंत्री ने किया आह्वान

विकसित भारत के संकल्प में सहभागी बनने के लिए निवेशकों को मुख्यमंत्री का आमंत्रण

कानून व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार से उत्तर प्रदेश बना सुरक्षित निवेश गंतव्य

इन्वेस्टर समिट से बदली प्रदेश की छवि, 40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचे निवेश प्रस्ताव

एमएसएमई, ओडीओपी और डिफेंस कॉरिडोर से औद्योगिक विकास को नई गति

लखनऊ
 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सेएक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय बैठक में देश और विदेश की 25 प्रतिष्ठित कंपनियों से जुड़े 45 प्रोफेशनल्स ने भेंट की। डब्ल्यूएमजी ग्रुप के तत्वावधान में आए इस प्रतिनिधिमंडल में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, फाइनेंस, ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, बेवरेज, फार्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े सीईओ, सीएफओ, डायरेक्टर्स और शीर्ष प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं, औद्योगिक वातावरण और भविष्य की विकास योजनाओं पर विस्तृत संवाद करना था।

मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व और उत्तर प्रदेश में स्थिर, सुरक्षित एवं उद्योग-अनुकूल वातावरण से प्रभावित होकर बैठक में उपस्थित उद्यमियों और निवेशकों ने प्रदेश में निवेश के प्रति गहरा विश्वास व्यक्त किया। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े इन उद्यमियों ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और विस्तार के लिए कुल लगभग 6,500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किए। इन प्रस्तावों में मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी, बायो रिफाइनरी, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग और सर्विस सेक्टर से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं, जिनसे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के साथ प्रदेश की आर्थिक गति को और मजबूती मिलने की संभावना है। निवेशकों ने भरोसा जताया कि उत्तर प्रदेश की मजबूत कानून व्यवस्था, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकार की प्रो-एक्टिव अप्रोच उनके दीर्घकालिक निवेश के लिए सबसे उपयुक्त आधार प्रदान करती है।

इससे पहले, मुख्यमंत्री ने सभी उद्योग प्रतिनिधियों का उत्तर प्रदेश में स्वागत करते हुए कहा कि बीते कई दशकों तक राजनीतिक अस्थिरता और गलत धारणाओं के कारण प्रदेश की छवि पूरे देश में नकारात्मक बनी रही। उन्होंने कहा कि अब उन पुरानी धारणाओं को पीछे छोड़कर नए उत्तर प्रदेश को जानने और समझने की आवश्यकता है। अतीत पीड़ादायक और अव्यवस्थित रहा, किंतु वर्तमान सुरक्षित, स्थिर और अवसरों से भरा है तथा भविष्य उज्ज्वल है।

मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य रखते हुए बताया कि स्वतंत्रता के समय देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश का योगदान लगभग 14 से 15 प्रतिशत था, जो समय के साथ घटकर 7.5 से 8 प्रतिशत के आसपास रह गया और प्रदेश को बीमारू राज्य के रूप में देखा जाने लगा। बीते साढ़े आठ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में किए गए व्यापक सुधारों और नीतिगत बदलावों का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश आत्मविश्वास के साथ अपने आर्थिक पुनरुत्थान की बात कर सकता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पूंजी तभी सुरक्षित रह सकती है जब समाज और राज्य सुरक्षित हों। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले की स्थिति यह थी कि हर तीसरे दिन दंगे होते थे, महीनों तक कर्फ्यू लगता था और लगभग 50 ऐसे जिले थे जहां सूर्यास्त के बाद बेटियों का सुरक्षित घर लौटना मुश्किल था। रंगदारी और गुंडा टैक्स जैसी अव्यवस्थाएं अघोषित प्रणाली का हिस्सा बन चुकी थीं। सरकार बनने के पहले दिन ही यह संकल्प लिया गया कि इस अराजकता को समाप्त करना है। परिणामस्वरूप आज लगभग नौ वर्षों में एक भी दंगा नहीं हुआ, एक दिन का भी कर्फ्यू नहीं लगा और प्रदेश माफिया मुक्त हुआ है।

इंफ्रास्ट्रक्चर में आए व्यापक परिवर्तन का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में केवल डेढ़ एक्सप्रेसवे थे, जबकि आज देश के कुल एक्सप्रेसवे नेटवर्क का लगभग 55 प्रतिशत अकेले उत्तर प्रदेश के पास है। देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क, पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, इनलैंड वॉटरवे, रैपिड रेल परियोजनाएं और शहरी परिवहन में रोपवे जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं प्रदेश में विकसित की जा रही हैं। यह परिवर्तन योजनाबद्ध और दूरदर्शी निवेश का परिणाम है।

मुख्यमंत्री ने निवेश यात्रा का अनुभव साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2018 में जब पहली इन्वेस्टर समिट आयोजित की गई थी, तब अधिकारियों को भी केवल 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिलने की उम्मीद थी। सरकार ने देशभर में रोड शो किए, उद्योग जगत से सीधा संवाद किया और स्वयं मुख्यमंत्री ने प्रमुख औद्योगिक केंद्रों का दौरा कर उत्तर प्रदेश की नई पहचान प्रस्तुत की। इसका परिणाम यह रहा कि 2018 की समिट में 4.67 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसके बाद वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले, जो उत्तर प्रदेश के परिवर्तन की सशक्त कहानी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग अनुकूल वातावरण, भूमि और बिजली की उपलब्धता तथा कुशल मानव संसाधन के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। प्रदेश में आईआईएम, आईआईटी, एनआईटी, इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय और तकनीकी संस्थान मौजूद हैं। 96 लाख से अधिक इकाइयों के साथ यह देश का सबसे बड़ा एमएसएमई बेस है। ओडीओपी योजना को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के छह नोड विकसित किए जा रहे हैं और लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण इसका सशक्त उदाहरण है। बुंदेलखंड क्षेत्र में झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को विकसित किया जा रहा है, जहां निवेश के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि नए उत्तर प्रदेश में प्रत्येक निवेशक की पूंजी पूरी तरह सुरक्षित है और यहां विकास की स्पष्ट गारंटी है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करना है, जिसके लिए विकसित उत्तर प्रदेश आवश्यक है। इसी उद्देश्य से हर जिले, हर नगरीय निकाय, हर गांव और हर नागरिक को विकास प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है। विकसित भारत विकसित यूपी के संकल्प के साथ प्रदेशव्यापी अभियान प्रारंभ किया गया है।

मुख्यमंत्री ने उद्योग प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे पूरे उत्तर प्रदेश का भ्रमण करें, यहां आए बदलाव और व्यावसायिक अनुकूलता का प्रत्यक्ष अनुभव करें और निवेश के लिए उपयुक्त निर्णय लें। उन्होंने कहा कि निवेश कहीं भी हो, लाभ देश को ही होता है, लेकिन राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए और निवेशकों को नीतियों तथा वातावरण की तुलना कर निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार अन्य राज्यों में भी अपने कार्यालय खोल रही है, ताकि नए उत्तर प्रदेश की कहानी और संभावनाओं से सभी को सहज रूप से परिचित कराया जा सके।

बैठक के दौरान निवेशकों और उद्यमियों ने भी अपनी भावनाएं और अनुभव साझा किए। निवेशक अरुण दुबे ने बताया कि वे मूल रूप से कानपुर देहात से हैं और लगभग दस वर्षों के बाद स्वदेश लौटे हैं। उन्होंने कहा कि बचपन में बिजली के तारों का जाल और अव्यवस्था देखी थी, लेकिन आज प्रदेश में व्यापक बदलाव स्पष्ट दिखाई देता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में बायो रिफाइनरी की एक बड़ी इकाई स्थापित करने की इच्छा जताई। अन्य निवेशकों ने भी उत्तर प्रदेश के विकास में सहभागी बनने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए विभिन्न औद्योगिक निवेश प्रस्तावों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button