इस्राइल-हमास युद्ध: गाजा सिटी में 85 की मौत, बढ़ा मानवीय संकट

इस्राइल-हमास युद्ध लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका सबसे गहरा असर गाजा पट्टी के आम नागरिकों पर हो रहा है। ताजा हमलों में गुरुवार को गाजा सिटी में 85 फलस्तीनियों की मौत हो गई, जबकि इस्राइल के भी चार सैनिक मारे गए। इस्राइली सेना टैंकों और वायुसेना की मदद से गाजा सिटी के भीतर तेजी से आगे बढ़ रही है।
गाजा सिटी में बिगड़ते हालात
गाजा पट्टी का सबसे बड़ा शहर गाजा सिटी इस समय तबाही के दौर से गुजर रहा है। यहां इंटरनेट और टेलीफोन सेवाएं पूरी तरह ठप हो चुकी हैं। हजारों लोग टेंटों में रह रहे हैं और भोजन की गंभीर किल्लत से जूझ रहे हैं। बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा असर हो रहा है। लाखों लोग शहर छोड़ चुके हैं, लेकिन कई अभी भी वहीं फंसे हुए हैं।
इस्राइली सेना का लक्ष्य और बंधकों का संकट
इस्राइली सेना का कहना है कि उनका एकमात्र लक्ष्य हमास को पूरी तरह कमजोर करना है। हमलों का दबाव बढ़ाकर वे हमास को बंधकों को रिहा करने के लिए मजबूर करना चाहते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमास के पास इस समय लगभग 48 बंधक हैं, जिनमें से करीब 20 के जीवित होने की उम्मीद है। इस्राइल में बंधकों की रिहाई को लेकर व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं।
नेतन्याहू और सेना में मतभेद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सैन्य नेतृत्व के बीच गाजा सिटी अभियान और कतर पर हवाई हमलों को लेकर मतभेद सामने आए हैं। सेना का मानना है कि नेतन्याहू के फैसलों से इस्राइल वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ रहा है। वहीं, यूरोप के कई देश अब फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने और इस्राइली उत्पादों पर टैरिफ या प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं।



