छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक दिन, नक्सलियों ने सरकार की पुनर्वास नीति पर जताया भरोसा…210 माओवादियों के सरेंडर पर बोले CM साय

छत्तीसगढ़ के नक्सल इतिहास में आज एक ऐतिहासिक दिन रहा, जब 210 नक्सलियों ने जगदलपुर में आयोजित कार्यक्रम में हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे छत्तीसगढ़ और देश के लिए ऐतिहासिक पल बताया।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 1 सीसीएम कैडर, 4 डीकेएसजेडसी कैडर, 1 क्षेत्रीय समिति सदस्य, 21 डीवीसीएम कैडर, 61 एसीएम स्तर के कैडर, 98 पार्टी सदस्य और 22 पीएलजीए/आरपीसी सदस्य शामिल थे। इस अवसर पर नक्सलियों ने सरकार की पुनर्वास नीति और संविधान पर भरोसा जताया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि उन्हें पीएम आवास समेत अन्य लाभ दिए जाएंगे और हिंसा से किसी का भला नहीं होता।
दंडकारण्य अभियान के दौरान कुल 153 हथियार सरेंडर किए गए। इसमें 19 AK-47 राइफलें, 17 SLR राइफलें, 23 INSAS राइफलें, 1 INSAS LMG, 36 .303 राइफलें, 4 कार्बाइन, 11 BGL लॉन्चर, 41 बारह-बोर/सिंगल-शॉट बंदूकें और 1 पिस्तौल शामिल हैं।
मुख्यमंत्री साय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नक्सलवाद से छत्तीसगढ़ में अब मुक्ति की ओर कदम बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद नक्सलवाद को खत्म करने का निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ की पुनर्वास नीति नक्सलियों के पुनर्वास और सामाजिक समावेश को सुनिश्चित करती है।
इस सरेंडर के साथ ही बस्तर और आसपास के क्षेत्र में नक्सलियों का आतंक घटने लगा है और राज्य में शांति और विकास की नई राह खुल रही है। छत्तीसगढ़ नक्सल सरेंडर ने पूरे प्रदेश में नई उम्मीदें जगाई हैं और मुख्यधारा में लौटे नक्सलियों को सम्मान और सुरक्षा का संदेश दिया गया है।