
अगर आप समझ रहे हैं ये हम विराट कोहली या सचिन तेंदुलकर की बात कर रहे हैं तो आप गलत हैं. भारत का सबसे अमीर क्रिकेटर बड़ौदा के समरजीत सिंह गायकवाड़ है. जैसा कि नाम से ही लग रहा है कि इसका ताल्लुक राज परिवार से है, वो है भी. बड़ौदा की रॉयल फैमिली के महाराज समरजीतं सिंह गायकवाड़ कभी फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला करते थे. बड़ौदा के महाराज ने सालों तक क्रिकेट के पिच पर पसीना बहाया है.
समरजीत सिंह गायकवाड़ महाराज रणजीत सिंह प्रतापसिंह गायकवाड़ और शुभांगिनीराजे के एकलौते बेटे और अब बड़ौदा के महाराज हैं. देहरादून के दून स्कूल से पढ़ाई करने के बाद साल 2012 में वो बड़ौदा के महाराजा बने. महाराज को बचपन से ही क्रिकेट खेलना का शौक था. कई टूर्नामेंट खेल और जीते भी. उन्होंने रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा को रिप्रजेंट किया है. उन्होंने छह फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं. बाद में वो बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बन गए.
समरजीत सिंह गायकवाड़ ने साल 2014 में BJP ज्वाइन कर लिया, हालांकि साल 2017 से वो राजनीति में बहुत सक्रिय नहीं हैं. अब वो राज परिवार के बिजनेस पर फोकस कर रहे हैं. उनका पैलेस लक्ष्मी विलास पैलेस भारत का सबसे बड़ा घर है.
बड़ौदा के महाराज का शाही घर लक्ष्मी विलास पैलेस दुनिया का सबसे बड़ा निजी आवास हैं. साल 1875 में बड़ौदा रियासत के महाराजा सयाजीराव ने इसे बनाया था. हाउसिंग डॉट कॉम के मुताबिक 3,04,92,000 वर्ग फुट में फैला इस महल में 170 कमरे है. इसे बनाने में 12 साल लग गए थे. महल में विशाल गार्डन, हॉर्स राइडिंग पैलेस , स्विमिंग पूल, गोल्फ कोर्स से लेकर तमाम सुविधाएं हैं.
समरजीत सिंग गायकवाड़ की पत्नी और बड़ौदा की महारानी राधिकाराजे की खूबसूरती और सादगी की चर्चा अक्सर होती है. करोड़ों की दौलत और अथाह संपत्ति का मालकिन होने के बावजूद महारानी राधिकाराजे बेहद सादगी वाली लाइफ जीती हैं. राधिकाराजे का जन्म वांकानेर के शाही परिवार में हुआ था, उनके पिता डॉ रणजीतसिंह झाला एक IAS अफसर रहे. वो एक प्रसिद्ध पर्यावरणविद् रहे. उन्होंने वाइल्ड लाइफ काफी काम किया. इसलिए उन्हें ‘भारत के चीता मैन’ के नाम ने जाना जाने लगा.
दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाली राधिकाराजे ने तीन साल तक बतौर पत्रकार नौकरी की. राजकुमारी होने के बावजूद उनमें दिखावा बिल्कुल नहीं था. डीटीसी बसों से आना-जाना और आम लड़कियों की रहने वाली राधिकाराजे को जब बड़ौदा के युवराज समरजीत सिंह ने पहली बार किसी कार्यकर्म में देखा देखते ही दिल दे बैठे और शादी का फैसला कर लिया. महारानी बनने के बाद भी राधिकाराजे सोशल वर्क से जुड़ी रहीं. आज भी वो अपने सामाजिक कामों में व्यस्त रहती है. उनकी दोनों बेटियां भी अब उनका पूरा साथ देती है.
लक्ष्मी विलास पैलेस की कीमत कितनी है
हाउसिंग डॉट कॉम के मुताबिक लक्ष्मी विलास पैलेस की कीमत 2,43,93,60,00,000 रुपये के करीब है, यानी करीब 25000 करोड़ रुपये के आसपास है. वहीं महाराज समरजीत सिंह 20000 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक है. राज परिवार के पास राजा रवि वर्मा की कई पेंटिंग विरासत में है. सोने और चांदी के आभूषणों के अलावा गुजरात और वाराणसी में 17 मंदिरों के ट्रस्ट का प्रबंधन है.