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खेल

हरियाणा की शेरनी जैस्मिन लंबोरिया ने रचा इतिहास, बॉक्सिंग में जीता विश्व स्वर्ण

भिवानी
देश की राजधानी दिल्ली के पास स्थित शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में चल रहे विश्व मुक्केबाजी कप में भिवानी की मुक्केबाज जैस्मिन लंबोरिया ने 57 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मैडल प्राप्त कर एक बार फिर से देश, राज्य व भिवानी जिला का नाम रोशन किया है। उनकी इस जीत को लेकर भिवानी में उनके परिजनों ने खुशी जताते हुए कहा कि यह उनकी इसी वर्ष की लगातार तीसरा गोल्ड मैडल है। उसने एक ही वर्ष में तीन बार विश्व मुक्केबाजी चैंपियन बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है।

जैस्मिन लंबोरिया के पिता जयवीर सिंह, उनके कोच व चाचा संदीप सिंह व प्रविंद्र तथा ताऊ महाबीर ने बताया कि जैस्मिन भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत्त है। इससे पहले उसने इंग्लैंड के लीवरपुल तथा कजाकिस्तान में आयोजित विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भी देश के लिए मैडल लिए थे। यह उनका इसी वर्ष का तीसरा मैडल है। यह उसकी कड़ी मेहनत व प्रशिक्षण का नतीजा है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व जो भी मैडल लिए है, वे जैस्मिन ने ओलंपिक मैडलिस्ट खिलाडिय़ों को हराकर जीते है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में जैस्मिन का टारगेट 2026 में होने वाली एशियन तथा कॉमनवेल्थ खेलों पर रहेगा। वर्ष 2028 में होने वाले लॉस एंजिलिस में होने वाले ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मैडल लाने के लक्ष्य को लेकर जैस्मिन कड़ी मेहनत से जुटी हुई है। जिसमें उसके परिवार का पूरा सहयोग है।

जैस्मिन के परिजनों ने कहा कि जैस्मिन लंबोरिया ने 2016 में बॉक्सिंग की शुरूआत की थी तथा उसने बॉक्सिंग के बेसिक सीखने के बाद ही मात्र डेढ़ वर्ष के खेल में मैडल जीतना शुरू कर दिया था। मात्र 9 साल के अब तक के खेल में उसने वल्र्ड लेवल पर ना केवल भारत देश का नाम रोशन किया है, बल्कि अपने राज्य हरियाणा व गृह जिले भिवानी का नाम भी रोशन करने का कार्य किया है। वह बचपन में अपने चाचा संदीप व प्रविंद्र को मुक्केबाजी करते देखा करती थी, उनके मार्गदर्शन में इसने मुक्केबाजी सीखी तथा आज वह विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में देश के लिए स्वर्ण पदक जीत पाई।

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