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Haryana: कबाड़ बेचने वाले की बेटी ने किया कमाल, Microsoft ने दिया 55 लाख का ऑफर

महज 24 साल की उम्र में सिमरन ने अपनी काबिलियत के दम पर विश्व की जानी-मानी अमेरिकी कंपनी Microsoft में इंजीनियर पद हासिल कर लिया है। कंपनी ने सिमरन को करीब 55 लाख रुपए सालाना पैकेज पर नौकरी दी है। सिमरन के इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी जितनी प्रेरणादायक है, उतनी ही संघर्षों से भरी हुई भी है। क्योंकि सिमरन के पिता राजेश कुमार घर-घर जाकर कबाड़ इकट्ठा करते हैं और उसी से परिवार का गुजारा चलता है।

बेटी ने कर दिखाया कमाल
बालसमंद गांव के राजेश कुमार बताते हैं कि उनका काम कबाड़ इकट्ठा करने का है। वे रोजाना हिसार की गलियों और मोहल्लों में जाकर कबाड़ खरीदते हैं और उसके बदले में बर्तन या थोड़े पैसे कमाते हैं। राजेश कुमार के चार बच्चों में सिमरन सबसे बड़ी है और शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रही है। सिमरन की इस कामयाबी से आज पूरा गांव भी गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

राजेश कहते हैं, “मेरी बेटी ने जो किया, वो किसी सपने से कम नहीं है। मैं तो बस यही चाहता था कि मेरे बच्चे पढ़-लिखकर अपना भविष्य बनाएं, लेकिन सिमरन ने तो पूरे खानदान का सिर ऊंचा कर दिया।” वे बताते हैं कि कभी सोचा भी नहीं था कि कबाड़ी का काम करने वाले के घर से कोई बच्ची Microsoft जैसी दिग्गज कंपनी में इंजीनियर बनेगी।

पढ़ाई के लिए बचपन से रही समर्पित
सिमरन के परिवार के मुताबिक, वह शुरू से ही पढ़ाई को लेकर गंभीर रही है। जब दूसरे बच्चे खेल में समय बिताते थे, सिमरन तब भी किताबों में डूबी रहती थी। महज 17 साल की उम्र में सिमरन ने अपने पहले ही प्रयास में JEE Joint Entrance Examination की कठिन परीक्षा पास कर ली। इसके बाद उसने हिमाचल प्रदेश के IIT Mandi में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। मगर यहां भी सिमरन ने सिर्फ अपने कोर्स तक खुद को सीमित नहीं रखा।

IT में भी बनाई पकड़
भले ही सिमरन का मेन ब्रांच इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग था, लेकिन उसकी दिलचस्पी Information Technology IT की फील्ड में भी रही। इसलिए उसने एडिशनल कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई भी की। कॉलेज में रहते हुए उसने कोडिंग, प्रोग्रामिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों में महारत हासिल की। यही नहीं, सिमरन ने कई प्रोजेक्ट्स में भी हिस्सा लिया, जिससे उसके कौशल को नई दिशा मिली।

माइक्रोसॉफ्ट में इंटर्नशिप से शुरू हुआ सफर
IIT Mandi में कैंपस सिलेक्शन के दौरान ही सिमरन का चयन Microsoft Hyderabad में इंटर्नशिप के लिए हुआ। इंटर्नशिप के दौरान सिमरन ने अपनी मेहनत और लगन से कंपनी के सीनियर इंजीनियर्स को भी प्रभावित किया। इसी का नतीजा रहा कि कंपनी ने उसे फुल टाइम जॉब ऑफर कर दी। अब सिमरन 30 जून से अपनी नई नौकरी पर ज्वाइन कर चुकी है और सालाना 55 लाख रुपये के शानदार पैकेज पर काम करेगी।

मां ने भी निभाई अहम भूमिका
सिमरन की मां ने भी परिवार की जिम्मेदारियों को बखूबी संभाला, ताकि सिमरन की पढ़ाई में कोई बाधा न आए। सिमरन खुद बताती है कि कई बार फीस भरने के लिए पिता ने ज्यादा काम किया और मां ने घर के खर्चों को बहुत समझदारी से संभाला। आज सिमरन कहती है, “मां-पापा ने जो मेरे लिए किया, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। उनकी वजह से ही मैं यहां तक पहुंच पाई हूं।”

गांव में जश्न का माहौल
जैसे ही बालसमंद गांव में यह खबर पहुंची कि सिमरन को Microsoft में इंजीनियर की नौकरी मिली है, पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। गांव के लोग सिमरन के घर पहुंचकर मिठाइयां बांट रहे हैं और परिवार को बधाइयां दे रहे हैं। सिमरन के स्कूल के शिक्षक भी उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे। वे कहते हैं कि सिमरन शुरू से ही होशियार थी और कभी पढ़ाई में लापरवाही नहीं की।

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