Deoghar : बेटियों को बचाने से ज्यादा उसे पढ़ाने की जरूरत है : डॉ. रीता ठाकुर

महिला कॉलेज में बेटियों से है माता-पिता का स्वाभिमान विषय पर सेमिनार का आयोजन.
देवघर : टू डाटर्स क्लब और आईक्यूसी के संयुक्त बैनर तले रमा देवी बाजला महिला कॉलेज के सभागार में बेटियों से है माता-पिता का स्वाभिमान विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन डालसा के सचिव मयंक तुषार टोपनो, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रीता ठाकुर, कॉलेज के प्रोफेसर पीसी दास, डॉ. किसलय सिन्हा और को-ओर्डिनेटर ममता कुजूर ने किया। कार्यक्रम में सिर्फ बेटियों के माता-पिता को सम्मानित किया गया। मौके पर डॉ. रीता ठाकुर ने कहा कि देश में बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए कई संस्थाएं काम कर रही है, लेकिन बेटियों को बचाने से ज्यादा उसे पढ़ाने में फोकस करने की जरूरत है। लड़कियों को आर्थिक रूप से मजबूत होना होगा।
बेटे और बेटियों के फर्क को समझाया
इस दौरान उन्होंने अपने किये गये रिसर्च को पीपीटी के जरिए दिखाया और बताया कि बेटे व बेटियों के रेशियों में अंतर से नयी सामाजिक कुरीति पैदा हो सकती है। डालसा सचिव ने लड़कियों से संवाद स्थापित कर घरेलू जीवन के उदाहरणों के जरिये बेटे और बेटियों के फर्क को समझाया और उन्होंने आगे बढ़ने के लिए पढ़ाई में मन लगाने को कहा। टू डाटर्स क्लब के फाउंडर मेंबर ज्ञानेश श्रीवास्तव ने कहा कि बेटियों के मां-बाप को सम्मान देने की पीछे की सोच है कि सामाजिक ताने-बाने में जिस तरह से बिना बेटे के मा-पिता को कई तरह की मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ता है, वह सोच बदलनी है. कि बेटे से ही वंश चलता है। दरअसल बेटियों से भी वंश चलता है जिस कि बड़ा उदाहरण देश की भूर्तपूर्व पीएम इंदिरा गांधी है। सेमिनार में पत्रकार राकेश रंजन, कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. किसलय सिन्हा, प्रभारी पीसी दास और आईक्यूएकसी की प्रोग्राम को-अर्डिनोटर ममता कजूर ने अपने-अपने विचार रखे। सेमिनार का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता वरूण राय ने किया और बेटियों के आगे बढ़ाने की इस मुहिम का हिस्सा बनने की अपील की। कार्यक्रम में छात्रा ज्योतिका रावत, श्वेता भारती, साक्षी, अपूर्वा, सोनी और रानी मेघा सिंह ने भी अपने विचार रखे और घरों में होने वाले भेदभाव के बारे में बताया।