डोनाल्ड ट्रंप ने जेफ्री एपस्टीन को लिखे कथित पत्र से किया इनकार, व्हाइट हाउस ने भी बताई सच्चाई

नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस कथित पत्र पर सफाई दी है, जिसमें उनके हस्ताक्षर होने का दावा किया जा रहा है। यह पत्र यौन अपराधी जेफ्री एपस्टीन के नाम पर लिखा बताया गया है। ट्रंप ने इसे पूरी तरह फर्जी करार दिया और कहा कि “यह मेरी साइन नहीं है और न ही मेरी भाषा है। जो लोग मुझे लंबे समय से जानते हैं, वे समझते हैं कि यह मेरी शैली बिल्कुल नहीं है। यह सब बकवास है।”
20 साल पुराना बताया जा रहा पत्र
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पत्र करीब दो दशक पुराना है और अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के डेमोक्रेट्स ने इसे हाल ही में सार्वजनिक किया है। पत्र में एक महिला की तस्वीर पर लिखे टेक्स्ट और “अद्भुत रहस्य” जैसी बातों का जिक्र था। इस पर ‘डोनाल्ड जे. ट्रंप’ के हस्ताक्षर बताए गए। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने भी इस लेटर का खुलासा करते हुए इसे एपस्टीन के 50वें जन्मदिन पर संकलित एक किताब का हिस्सा बताया।
व्हाइट हाउस ने किया खंडन
व्हाइट हाउस ने साफ किया कि यह पत्र ट्रंप का नहीं है। राष्ट्रपति प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा, “राष्ट्रपति ने यह पत्र नहीं लिखा और न ही हस्ताक्षर किए। उनके हस्ताक्षर दुनिया में सबसे मशहूर हैं और आसानी से पहचाने जा सकते हैं।” व्हाइट हाउस ने इस कथित हस्ताक्षर की फोरेंसिक जांच का भी समर्थन किया है।
फिर चर्चा में एपस्टीन मामला
ट्रंप और एपस्टीन एक समय दोस्त रहे, लेकिन बाद में उनके रिश्ते खराब हो गए। अब इस लेटर का खुलासा एक बार फिर एपस्टीन मामले को सुर्खियों में ले आया है। राजनीतिक हलकों में इसे ट्रंप के लिए चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि ट्रंप ने अपने समर्थकों से अपील की है कि इस मुद्दे पर ध्यान न दें।