DIABETES: डायबिटीज का चीनी से क्या रिश्ता है और नहीं खाने वालों को यह बीमारी क्यों होती है?

देश और दुनिया में डायबिटीज की मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यह बीमारी सबसे ज्यादा गलत खानपान और लाइफस्टाइल के कारण लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. डायबिटीज की बीमारी समय के साथ एक महामारी का रूप लेते जा रही है. अक्सर यह सुना जाता है कि अधिक चीनी या मीठा खाना खाने से यह बीमारी हो जाती है, लेकिन क्या यह सही बात है. क्या सच में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का कारण मीठा खाद पदार्थ है? वैसे देखा जाए कई ऐसे भी लोग हैं जो चीनी या मीठा खाना नहीं खाते उन्हे भी डायबिटीज की बीमारी हो रही है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि केवल मीठा या चीनी खाने वाले को ही डायबिटीज होता है, तो जो लोग मीठा या चीनी नहीं खाते उन्हें किस कारण से डायबिटीज होता है? खबर के माध्यम से जानें डायबिटीज का चीनी से क्या रिश्ता है और न खाने वालों को यह बीमारी क्यों होती है…
साइलेंट किलर है डायबिटीज
डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, एक बार जब यह किसी को हो जाता है, तो जिंदगी भर साथ रहता है. इस बीमारी में लोगों का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और इस रोग से पीड़ित लोगों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. इस बीमारी के मरीज को डॉक्टर मीठा खाने से बचने की सलाह देते हैं. डायबिटीज किसी भी एज में किसी को भी हो सकती है. हालांकि जिन लोगों में मोटापा रहता है और जो लोग फिजिकल एक्टिविटी काफी कम करते है, वैसे लोगों को डायबिटीज का खतरा अधिक रहता है. शुरूआती दौर में लोग इस बीमारी के लक्षण समझ नहीं पाते हैं और स्थिति गंभीर होने पर काफी देर हो जाता है. इसलिए इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है.
चेन्नई के रेला अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन और डायबिटीज विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. जिमी प्रभाकर के अनुसार, डायबिटीज तब होती है जब शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है, इसे टाइप 2 डायबिटीज कहते हैं. जब शरीर इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता तब खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है. यह बीमारी दो तरह की होती है. एक टाइप 1 जो आनुवांशिक होती है और दूसरी टाइप 2 जो गलत खान-पान, अस्वस्थ जीवनशैली और अन्य कारणों से होती है. पिछले कुछ सालों में पूरी दुनिया में टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि डायबिटीज का चीनी या मिठे फूड आइटम्स से कोई लेना-देना नहीं है. इसका मतलब यह है कि जो लोग चीनी या मिठाई नहीं खाते हैं, वे भी इस बीमारी से पीड़ित हैं, जिसका एक ही कारण है. गलत खान-पान, मोटापा, व्यायाम न करना, पर्याप्त नींद ना लेना, शराब का अधिक सेवन करना आदि. इस सभी कारणों से भी जो लोग मीठा या चीनी नहीं खाते उन्हें यह बीमारी घेर रही रही है.
इन चीजों के सेवन से जरूर बचें
कई अध्ययनों में चीनी या मिठाई का अधिक सेवन करने के नुकसान बताए गए हैं. हालांकि, फलों और खाने में पाई जाने वाली चीनी बहुत नुकसानदायक नहीं होती. यह अलग बात है कि प्रोसेस्ड चीनी बहुत नुकसान पहुंचाती है. उदाहरण के लिए, पैक्ड फ्रूट जूस, कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट, बिस्किट में पाई जाने वाली मिठाई नुकसान पहुंचा सकती है. वहीं, एक अध्ययन में इस बात का जिक्र किया गया है कि हर दिन एक फल खाने से डायबिटीज का खतरा 7 से 13 फीसदी तक कम हो सकता है. इसलिए, यदि आप डायबिटीज या प्री-डायबिटीज के रोगी हैं, तो आपको एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता है.
जानिए कितना होना चाहिए ब्लड शुगर लेवल
अगर आपको हाई ब्लड शुगर (हाइपरग्लाइसेमिया) है तो आपका उपवास ब्लड शुगर लेवल 130 mg/dL से ऊपर रहेगा और रैंडम ब्लड शुगर 180 mg/dL से ज्यादा रहेगा. अगर आपका ब्लड शुगर लेवल लगातार इन सीमाओं से ऊपर है, तो आपको प्री-डायबिटीज या डायबिटीज हो सकता है. यदि इसे कंट्रोल नहीं किया गया, तो यह हार्ट डिजीज, तंत्रिका समस्याओं और किडनी की बीमारियों जैसी गंभीर चिकित्सा समस्याओं का कारण बन सकता है.