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Success Story

चाय वाले के बेटे ने दिए की रोशनी में पढ़ कर क्रैक की UPSC, 396 रैंक हासिल कर रचा इतिहास

Success Story: कहते हैं कि अगर आपके इरादे फौलादी हैं तो बाधाएं कितनी भी आएं, मंजिल मिल ही जाती है। यह बात यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने वाले महाराष्ट्र के मंगेश खिलाड़ी (Mangesh Khilari) पर बिल्कुल सटीक बैठती है। देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल करना और भी मुश्किल तब हो जाता है, जब उम्मीदवार के पास संसाधनों की कमी हो. ऐसे में बिना किसी कोचिंग लाइब्रेरी और सेल्फ स्टडी के सहारे सफलता हासिल की. बिजली के बदले दिए की रोशनी में पढ़ाई कर IPS बनें और गरीबी की मार से कामयाबी तक के रास्ते को तय किया.

IPS मंगेश खिलारी

हम बात कर रहे हैं आईपीएस मंगेश खिलारी (Mangesh Khilari) की, जो मूल रूप से महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव सुकेवाड़ी के रहने वाले हैं.उनके पिता एक छोटी सी चाय का दुकान चलाते थे, जिससे उनके पूरे परिवार का भरण-पोषण होता था. संसाधनों की कमी होने के कारण शुरू से ही मंगेश को अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ता था, लेकिन उन्होंने कभी अपना हौसला नहीं खोया. वो अपने पिता के दुकान में हाथ बटाने के साथ हर दिन 15 से 16 घंटे की पढ़ाई किया करते थे.

दिए की धुंधली रोशनी में की पढ़ाई 

मंगेश बचपन से काफी मेहनती थी. शुरू से ही उनका सपना सिविल सर्वेंट बनने का था. उन्हें ये प्रेरणा एक आईएएस अधिकारी के जर्नी को जानने के बाद मिला, जिनकी पारिवारिक हालत और समस्या मंगेश के तरह ही थी. यूपीएससी क्रैक करने के लिए मंगेश दिए की धुंधली रोशनी में पढ़ाई किया करते थे. आर्थिक तंगी के कारण वो किताबें और गाइड खरीदने के बदले पब्लिक लाइब्रेरी की किताबों से पढ़ाई किया करते थे. वो महंगे कोचिंग के बदले सेल्फ स्टडी के सहारे दिन-रात यूपीएससी की तैयारी के लिए मेहनत किया करते थे.

तीसरे अटेंप्ट में मिली सफलता 

हालांकि, मंगेश को यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा में पहले दो प्रयास में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने धैर्य नहीं खोया और तीसरी बार अटेंप्ट देने का फैसला लिया. इसी का परिणाम रहा कि उन्होंने अपने तीसरे अटेंप्ट में यूपीएससी सीएसई की परीक्षा में सफलता हासिल की. वो ऑल इंडिया रैंक (AIR) 396वीं के साथ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) बनें. IPS मंगेश खिलारी की कहानी सभी उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा है, जो लाख मुश्किलों के बावजूद सफलता हासिल करने का जुनून रखते हैं.

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