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उत्तर प्रदेशराज्य समाचार

सीएम योगी का बड़ा ऐलान: यूपी के 75 जिलों में खेलों और खिलाड़ियों के लिए एक साथ होगा सुधार

 गोरखपुर 

उत्तर प्रदेश में कभी सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित रहने वाली खेल सुविधाएं अब गांवों और ब्लॉकों तक पहुंचाने की योजना पर सरकार ने तेजी से काम शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि खेलों को लेकर उनकी सरकार किसी भी स्तर पर समझौता करने को तैयार नहीं है. उन्होंने घोषणा की प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक साथ स्टेडियम और हर ब्लॉक में मिनी स्टेडियम का निर्माण तेजी से शुरू किया जा चुका है.

यह घोषणा मुख्यमंत्री ने वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में 69वीं राष्ट्रीय स्कूली खेल प्रतियोगिता 2025 (ग्रीको-रोमन) कुश्ती के प्रतिभागियों और विजेताओं को सम्मानित करते हुए की. कार्यक्रम में अंडर-17 और अंडर-19 श्रेणी के पदक विजेताओं को मंच पर सम्मानित किया गया, लेकिन असली चर्चा मुख्यमंत्री की उस दूरदर्शी खेल नीति की रही, जिसकी वजह से यूपी देश के खेल नक्शे पर एक तेज़ी से उभरता हुआ राज्य बनता दिख रहा है.

हमारी तैयारी उससे दो कदम आगे होगी

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत आज दुनिया में खेलों की शक्ति बनकर उभर रहा है. उन्होंने कहा, यह गर्व की बात है कि भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की प्रतिष्ठा लगातार बढ़ा रहे हैं. खेल व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करते हैं और इसी सोच के साथ हम उत्तर प्रदेश में खेलों का मजबूत ढांचा तैयार कर रहे हैं.

75 जिलों में एक-एक स्टेडियम, हर ब्लॉक में मिनी स्टेडियम

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सबसे बड़ा ऐलान करते हुए कहा राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक अत्याधुनिक स्टेडियम बनेगा और हर ब्लॉक में एक मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा. यह निर्णय सिर्फ घोषणा नहीं है, बल्कि कई जिलों में काम तेजी से शुरू भी हो चुका है. 18 जिलों के सरकारी कॉलेजों में मिनी स्टेडियम के निर्माण के लिए लगभग 5-5 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जा चुकी है. गोरखपुर और महाराजगंज के सरकारी कॉलेजों में भी खेल सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. अधिकारियों का कहना है कि योगी सरकार की मंशा साफ है अब खेल अब शहरों की सीमा में नहीं रहेंगे, खेल की संस्कृति गांव-गांव पहुंचेगी.

शिक्षण संस्थानों को पहली बार मिला इतना बड़ा खेल बजट

मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को खेलों से जोड़ने के लिए आवश्यक है कि खेलों को शिक्षा जितना महत्व दिया जाए. इसी उद्देश्य से सरकार ने एक नई पहल शुरू की है कि प्रत्येक कॉलेज को 25,000 रुपये, बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों को 5,000 रुपये, जूनियर हाई स्कूलों को 10,000 रुपये खेल सामग्री खरीदने, कोचिंग गतिविधियां बढ़ाने और स्थानीय खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए दी जा रही है. यह पहली बार है जब राज्य में इतने व्यापक स्तर पर संस्थागत खेल बजट दिया जा रहा है.

मेरठ में बनेगी अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी

मुख्यमंत्री ने मेरठ में निर्माणाधीन स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय उत्तर भारत में खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा केंद्र बनेगा. उन्होंने बताया कि इसका नाम हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा जा रहा है. यह विश्वविद्यालय खेल प्रशिक्षण, खेल विज्ञान, फिटनेस और कोचिंग के क्षेत्र में नई दिशा देगा.

2030 राष्ट्रमंडल खेलों पर फोकस

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों का लक्ष्य लेकर तैयारी करने की प्रेरणा दी. उन्होंने कहा, कि अंडर-17 और अंडर-19 के यह युवा खिलाड़ी 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की रीढ़ बन सकते हैं. अहमदाबाद में होने वाले इस आयोजन में आपको तिरंगा लहराना है. यह लक्ष्य अभी से तय कर लें. मुख्यमंत्री ने उपविजेताओं और पदक से चूकने वाले खिलाड़ियों को भी संबोधित करते हुए कहा कि हार किसी भी खिलाड़ी की यात्रा का अंत नहीं है.

उन्होंने कहा कि पहली प्रतिस्पर्धा हमेशा खुद से होती है. अपनी कमजोरियों को पहचानें, उनसे सीखें और आगे बढ़ते रहें. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर और विकसित भारत’ के विज़न का जिक्र करते हुए कहा कि इसका मूल तत्व युवा शक्ति है. उन्होंने कहा कि स्वस्थ युवा ही सशक्त भारत की नींव बनेंगे. इसकी शुरुआत खेलों से होती है. इसलिए संस्थानों में खेलों को शिक्षा के बराबर स्थान दिया जाना चाहिए.

देश की शीर्ष 3 राज्यों में शामिल होने का लक्ष्य

अधिकारियों का मानना है कि जिस फोकस के साथ यूपी में खेलों की बुनियाद मजबूत की जा रही है, आने वाले वर्षों में राज्य खेलों के क्षेत्र में पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे पारंपरिक मजबूत राज्यों को कड़ी टक्कर दे सकता है. सरकारी स्तर पर जो संरचना तैयार हो रही है, वह यही संकेत देती है कि यूपी अब सिर्फ आबादी का सबसे बड़ा राज्य नहीं रहेगा, बल्कि खेलों में भी अपनी पहचान मजबूत करेगा.

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