
राघोपुर की जनता अब मात्र 5 मिनट में राघोपुर से पटना शहर इस पुल के माध्यम से आ जा सकेगी. राघोपुर की जनता जो कई दशकों से पटना शहर में होकर भी पटना से दूर थी। अब मात्र 5 मिनट में पटना शहर राघोपुर से इस पुल के माध्यम से आ जा सॉकेगी. जिससे लोगों का सफर आसान हो जाएगा।
अब नाव और पीपा पुल पुरानी बात
पथ निर्माण मंत्री नवीन ने कहा कि यह पहला स्थायी पुल होगा जो राघोपुर को राजधानी पटना से जोड़ेगा. स्थानीय लोगों को मानसून से पहले बनाए जाने वाले पीपा पुल या नावों पर अब निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. हर साल बारिश में जब पीपा पुल हटा दिया जाता था, तब यह इलाका बाकी राज्य से पूरी तरह कट जाता था. लेकिन अब इस पुल के शुरू होने से सालभर निर्बाध आवागमन संभव हो पाएगा, जिससे राघोपुर दियारा के सामाजिक और आर्थिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत होगी.
3 हजार करोड़ का लिया गया ऋण
मंत्री ने बताया कि 19 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में 9.76 किलोमीटर का हिस्सा गंगा नदी पर बना एक्स्ट्रा केबल स्टे ब्रिज है. इसकी चौड़ाई 32 मीटर है और इसे 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के अनुरूप डिजाइन किया गया है. पुल निर्माण में एशियन डेवलपमेंट बैंक से 3000 करोड़ रुपये के ऋण तथा राज्य सरकार द्वारा लगभग 2000 करोड़ का व्यय किया जा रहा है.
एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज की विशेषता
नितिन नविन ने बताया बताया कि एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज की विशेषता यह है कि इसमें केबल्स को सीधे टावर से नहीं बल्कि डेक के नीचे एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक विशेष ढंग से जोड़ा गया है, जिससे इसकी संरचना न केवल अत्याधुनिक बनी है, बल्कि मजबूती भी कई गुना अधिक है. यह निर्माण तकनीक भारत ीमें गिने-चुने पुलों में इस्तेमाल हुई है.
गांधी सेतु पर यातायात का दबाव कम होगा
मंत्री ने कहा कि इस पुल के चालू होने से न सिर्फ महात्मा गांधी सेतु पर यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि बिदुपुर, राघोपुर और पटना के बीच सुव्यवस्थित और तेज़ सड़क कनेक्टिविटी स्थापित हो जाएगी. सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना को सिर्फ साढ़े तीन घंटे में जोड़ने का है, जिसमें यह पुल एक प्रमुख भूमिका निभाएगा.
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