Chandragupta Maurya: अखंड भारत के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को दहेज में मिले थे काबुल और बलोचिस्तान
Chandragupta Maurya: इतिहास में चंद्रगुप्त मौर्य एक ऐसे महान सम्राट रहे हैं, जिनका पराक्रम, रणनीति और नेतृत्व आज भी लोगों को प्रेरित करता है।

Chandragupta Maurya: भारत के इतिहास में चंद्रगुप्त मौर्य एक ऐसे महान सम्राट रहे हैं, जिनका पराक्रम, रणनीति और नेतृत्व आज भी लोगों को प्रेरित करता है। मौर्य वंश की स्थापना करने वाले चंद्रगुप्त मौर्य ने न केवल अखंड भारत की नींव रखी, बल्कि विदेशी आक्रमणकारियों को भी मुंहतोड़ जवाब दिया।
सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस को दी हार
चंद्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) की वीरता का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण है जब उन्होंने सीरिया के ग्रीक सम्राट और सिकंदर के पूर्व सेनापति सेल्यूकस निकेटर को हराया। सेल्यूकस ने भारत पर आक्रमण किया, लेकिन चंद्रगुप्त की विशाल सेना और रणनीति के आगे उसे पराजय का सामना करना पड़ा।
राजनयिक जीत: विवाह और क्षेत्रीय विस्तार
इस हार के बाद सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त से संधि कर ली और अपनी पुत्री हेलेना का विवाह चंद्रगुप्त से कर दिया। इस विवाह के साथ ही उसने हेरात, कंधार, काबुल और बलूचिस्तान जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र चंद्रगुप्त को सौंप दिए। यह केवल सैन्य जीत नहीं थी, बल्कि एक मजबूत राजनयिक उपलब्धि भी थी।
2300 साल पहले का योद्धा सम्राट – Chandragupta Maurya
चंद्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) ने लगभग 2300 वर्ष पहले, 320 ईसा पूर्व से 298 ईसा पूर्व तक शासन किया। उनके शासनकाल में भारत का साम्राज्य उत्तर-पश्चिम में हिन्दुकुश पर्वत से लेकर ईरान-अफगानिस्तान, उत्तर में तिब्बत, पूर्व में म्यांमार व इंडोनेशिया, और दक्षिण में श्रीलंका तक फैला हुआ था।
चाणक्य के शिष्य और मौर्य वंश के संस्थापक
चंद्रगुप्त मौर्य को महान आचार्य चाणक्य का मार्गदर्शन प्राप्त था। उन्हीं की रणनीति के साथ उन्होंने नंद वंश के सनकी शासक घनानंद को हराकर सत्ता संभाली और मौर्य राजवंश की नींव रखी। चाणक्य के सहयोग से चंद्रगुप्त ने एक संगठित प्रशासन और शक्तिशाली सेना तैयार की।
सैन्य शक्ति और विस्तारवाद की मिसाल – Chandragupta Maurya
चंद्रगुप्त की सेना बेहद विशाल थी। यूनानी इतिहासकार प्लिनी के अनुसार उनकी सेना में 6 लाख पैदल सैनिक, 30 हजार घुड़सवार और 9 हजार युद्ध हाथी थे। राजधानी पाटलिपुत्र को प्रशासनिक और सैन्य दृष्टि से अत्यधिक संगठित माना जाता था।
मेगस्थनीज की गवाही और राजनयिक संबंध
सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त (Chandragupta Maurya) के दरबार में यूनानी दूत मेगस्थनीज को भेजा, जिसने भारत में रहकर उनके शासन, संस्कृति और जीवनशैली पर ‘इंडिका’ नामक ग्रंथ लिखा। यह पुस्तक आज भी प्राचीन भारत का विश्वसनीय वर्णन मानी जाती है।
कुशल सेनापति और अजेय योद्धा – Chandragupta Maurya
चंद्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) केवल एक सम्राट ही नहीं, बल्कि एक योग्य सेनापति भी थे। ग्रीक और लैटिन ग्रंथों में उन्हें सैण्ड्रोकोट्स और एंडोकॉटस जैसे नामों से उल्लेख किया गया है। उनकी सैन्य रणनीति और नेतृत्व को पश्चिमी इतिहासकारों ने भी सराहा है।