ब्रिगिट मैक्रों ट्रांसजेंडर अफवाह: मुकदमे के जरिए किया पलटवार

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिगिट मैक्रों इन दिनों ब्रिगिट मैक्रों ट्रांसजेंडर अफवाह को लेकर चर्चा में हैं। ऑनलाइन वायरल हो रही अफवाहों में दावा किया गया कि ब्रिगिट असल में ट्रांसजेंडर महिला हैं। इस दावे को झूठा साबित करने के लिए राष्ट्रपति मैक्रों को अमेरिकी अदालत में फोटोग्राफिक और वैज्ञानिक सबूत पेश करने पड़ रहे हैं।
ब्रिगिट के वकील टॉम क्लेयर ने बताया कि उनकी पत्नी की पहचान सिद्ध करने के लिए प्रेग्नेंसी और बच्चों के बड़े होने के दौरान की तस्वीरें प्रस्तुत की जाएंगी। क्लेयर ने इस आरोप को आपत्तिजनक और निंदनीय बताया और कहा कि ऐसे सबूत पेश करना निराशाजनक है।
ये अफवाहें 2017 से शुरू हुई थीं, जब ब्लॉगर नताशा रे ने यूट्यूब वीडियो में दावा किया कि ब्रिगिट उनके भाई जीन-मिशेल ट्रोग्नेक्स हैं। 2021 में स्पिरिचुअल मीडियम अमांडाइन रॉय के जरिए इस दावे को फिर से दोहराया गया। इसके चलते फ्रांसीसी अदालत में नताशा रे और रॉय पर मानहानि का मुकदमा चला, जिसे सितंबर 2024 में दोषी पाया गया था। हालांकि, जुलाई 2025 में पेरिस अपील कोर्ट ने फैसला पलट दिया।
2024 में अमेरिकी राजनीतिक टिप्पणीकार कैंडेस ओवेन्स ने भी इस अफवाह को दोहराया और दावा किया कि ब्रिगिट असल में पुरुष हैं। इस पर मैक्रों परिवार ने जुलाई 2025 में ओवेन्स के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। अब अमेरिकी अदालत में यह मामला नए सिरे से सुना जाएगा और राष्ट्रपति मैक्रों के वकील फोटोग्राफिक और वैज्ञानिक सबूत पेश करेंगे।