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Bihar Election: तुम्हारा यादव नौवीं फेल, हमारा है डॉक्टर

सोशल मीडिया पर तैर रहे मीम्स, स्टिकर के मायने क्या हैं, बिहार में क्या करेंगे MP के नेता

डॉ संतोष मानव
Bhopal/Patna: बिहार चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स और स्टिकर की बाढ़ है। इसी में एक है- तुम्हारा यादव नौंवी फेल, हमारा यादव डॉक्टर। इस मीम्स/स्टिकर के मायने क्या हैं? विस्तार से समझिए –
नौंवी फेल यानी इंडिया गठबंधन यानी राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव और डॉक्टर यानी बीजेपी नेता और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव। डॉ मोहन यादव की बिहार चुनाव में बड़ी भूमिका रहने वाली है। उनके अधिकतम उपयोग की योजना बीजेपी की है। बीजेपी का सोशल मीडिया सेल कायदे से डॉ मोहन यादव को प्रोजेक्ट कर रहा है। उन्हें सनातनी, राम-कृष्ण के अनन्य भक्त और अध्ययनशील – संवेदनशील नेता के रूप में दर्शाया जा रहा है। संयोग से ये सारे गुण-भाव डॉ मोहन यादव में कमोबेश हैं। एक मोहन यादव ही नहीं, मध्यप्रदेश के नेताओं की फौज बिहार में उतरने वाली है। वे तमाम नेता जो किसी न किसी रूप में इक्कीस वर्षों से मध्यप्रदेश में बीजेपी को सत्ता में टिकाए हुए हैं, बिहार चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आएंगे। कमाल तो यह कि इसमें से अनेक ने काम प्रारंभ कर दिया है। बिहार में कुल 38 जिले हैं और मानकर चलिए कि हर जिले में मध्यप्रदेश के चार – पांच नेता होंगे ही। यानी दो सौ के आसपास नेता महीनों बिहार की मिट्टी – पानी में रमते हुए बीजेपी की जीत का रास्ता साफ करेंगे।
डॉ मोहन यादव के साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री और संभावित बीजेपी अध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान की धुआंधार सभा बिहार में होगी। मध्यप्रदेश बीजेपी के संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, मध्यप्रदेश में वर्षों संगठन महामंत्री रहे अरविंद मेनन, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल की ड्यूटी बिहार में लग चुकी है। इन नेताओं की तिकड़ी जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती। पन्ना – पन्ना वोटर लिस्ट और बूथ प्रबंधन में ये तीनों नेता माहिर माने जाते हैं। ये मैदान में नहीं, बंद कमरों में खेल करते हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो से लोकसभा के मेंबर वीडी शर्मा की ड्यूटी लग चुकी है। बिहार के राजधानी पटना में कदाचित वीडी शर्मा ‘धुनी’ रमाएंगे। उनके जिम्मे प्रदेश का बूथ मैनेजमेंट है।
राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश में मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा आदि की ड्यूटी भी लग चुकी है। ये तमाम नेता महीनों बिहार में ही रहेंगे। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि बिहार की हवा से बढ़त के संकेत हैं और मध्यप्रदेश के नेताओं की जमावट किला फतह की गारंटी है। क्या सच में??

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