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तमिलनाडु ISIS मॉड्यूल पर NIA की बड़ी कार्रवाई, 7 आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल

चेन्नई
  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने तमिलनाडु ISIS रेडिकलाइजेशन और भर्ती मामले में शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों और एक रजिस्टर्ड सोसायटी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. यह मामला 2023 से चल रही जांच का हिस्सा है, जिसमें कई युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए भड़काने और उकसाने के आरोप सामने आए हैं. चार्जशीट में शामिल सोसायटी का नाम कोवई अरेबिक एजुकेशनल एसोसिएशन (KAEA) है. NIA ने IPC और UAPA की कई धाराओं के तहत कार्रवाई की है.

KAEA सोसायटी पर NIA की नजर
NIA ने इस सप्लीमेंट्री चार्जशीट में KAEA सोसायटी को भी आरोपी बनाया है, जिसे एक कानूनी इकाई के तौर पर चार्ज किया गया है. यह वही संस्था है जिसके तहत कोवई अरेबिक कॉलेज संचालित होता है. जांच एजेंसी के अनुसार, इसी संस्था के माध्यम से संदिग्ध गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर मोड़ा गया. सोसायटी की भूमिका की जांच में कई गंभीर तथ्य सामने आए हैं.

पहले भी दायर हो चुकी है चार्जशीट
इससे पहले NIA ने इस केस में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. जिनमें मद्रास अरेबिक कॉलेज के प्रिंसिपल जमील बाशा भी शामिल थे. यह केस NIA की फाइल RC-01/2023/NIA/CHE का हिस्सा है. यह पूरा मामला अक्टूबर 2022 में हुई कोयंबटूर कार-बम ब्लास्ट की जांच से जुड़ा है, जिसमें शामिल 18 आरोपियों में से 14 आरोपी इसी कॉलेज के छात्र पाए गए थे.

सातों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र
NIA ने जिन सात आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है, वे सभी जमील बाशा के छात्र बताए जाते हैं. जिनके नाम मोहम्मद हुसैन, इर्शाथ, अहमद अली, अबू हनीफा, जवाहर सादिक, शैख दाऊद और राजा मोहम्मद हैं. इनमें से मोहम्मद हुसैन और इर्शाथ पहले दायर मूल चार्जशीट में भी आरोपी थे और अब उनके खिलाफ अतिरिक्त धाराओं में कार्रवाई की गई है.

छात्रों के ISIS कनेक्शन की जांच
जांच में सामने आया कि जिन छात्रों का नाम इस केस में सामने आया है, उनमें से कई का कनेक्शन पहले से ही कोयंबटूर कार-ब्लास्ट केस से जुड़ा है. इस घटना ने पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया था. अब इन छात्रों पर ISIS से प्रेरित मॉड्यूल में सक्रिय भूमिका निभाने, भड़काऊ कंटेंट फैलाने और युवाओं को गुमराह करने के आरोप हैं.

अगस्त 2023 में शुरू हुआ था केस
यह केस अगस्त 2023 में NIA की चेन्नई शाखा ने खुद संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था. जांच के दौरान पता चला कि ISIS से प्रेरित एक कट्टरपंथी समूह, फ्री अरेबिक लैंग्वेज क्लासेस के नाम पर संवेदनशील और कमजोर युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों की ओर धकेल रहा था. यह पूरा नेटवर्क तमिलनाडु में तेज़ी से फैल रहा था.
ऑनलाइन माध्यम बना हथियार
NIA की जांच में सामने आया कि कट्टरपंथी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया. Zoom, WhatsApp और Telegram जैसे ऐप्स पर अरबी भाषा की ऑनलाइन क्लासेस चलती थीं, जिनमें भड़काऊ और ISIS-प्रेरित प्रवचन सुनाए जाते थे. इन क्लासेस को युवाओं को प्रभावित करने के लिए एक साधन की तरह इस्तेमाल किया गया.

रिकॉर्डेड लेक्चर्स से फैलाते थे जहर
एजेंसी के अनुसार, इन ऑनलाइन सेशंस के अलावा, नियमित क्लासरूम में भी जमील बाशा के लाइव और प्री-रिकॉर्डेड लेक्चर दिखाए जाते थे. इन्हीं लेक्चर के जरिए छात्रों के मन में कट्टरपंथी विचारधारा भरी जा रही थी. धीरे-धीरे इन युवाओं को उकसाकर उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा था.

अभी भी जारी है NIA की जांच
NIA ने कहा है कि इस मामले में जांच अभी जारी है और एजेंसी का मकसद पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना है. एजेंसी इस मॉड्यूल से जुड़े सभी कड़ियों को जोड़कर देश में फैल रहे आतंकवादी कट्टरपंथी नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में काम कर रही है. आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.

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