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क्राइमख़बरेंपंजाब/हरियाणा

भिंड के ‘थप्पड़बाज’ कलेक्टर IAS संजीव श्रीवास्तव का विवादों से है गहरा नाता, पढ़ें खबर में

भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव इस समय ये एक छात्र को परीक्षा भवन में थप्पड़ मारने की वजह से चर्चा में है, पूरे देश की मीडिया में सोशल मीडिया में कलेक्टर साहब के थप्पड़ का वीडियो वायरल हो रहा है। उनका एक पुराना वीडियो वायरल है, ये 1 अप्रैल का बताया जा रहा है, जिसमें वे एक छात्र को थप्पड़ मारते दिखाई दे रहे हैं, दरअसल कलेक्टर को शिकायत मिली थी कि दीनदयाल डांगरोलिया महाविद्यालय में बीएससी द्वितीय वर्ष के गणित के पेपर में नक़ल हो रही है छात्र पेपर लेकर बाहर निकल रहे हैं, कलेक्टर चैकिंग पर गए तो एक छात्र की टेबल पर पेपर नहीं था, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने उससे पूछा , ‘तुम्हारा पेपर कहां है?’ वे छात्र का जवाब सुन पाते उससे पहले ही उन्होंने उसे थप्पड़ मारने शुरू कर दिए।

छात्र ने बताया परीक्षा कक्ष में क्या हुआ था
वायरल वीडियो पर कलेक्टर ने हमेशा की तरह मीडिया से दूरी बनाई लेकिन छात्र रोहित राठौर ने बताया कि मैं टॉयलेट गया था तब पेपर टेबल पर रख कर गया था मैं जब लौटकर आया तो मेरा पेपर टेबल पर नहीं था, इतने में कलेक्टर परीक्षा कक्ष में आये उन्होंने एक छात्र के पास दो पेपर देखे तो उसे वहां से हटाकर ऑफिस में बैठा दिया और मेरी टेबल पर पेपर नहीं था तो उन्होंने मेरे थप्पड़ मारने शुरू कर दिए, उन्होंने चार पांच थप्पड़ मारे, मेरा कान सुन्न हो गया, दर्द होने लगा था, जिसकी मैंने दवाई ली थी, बाद में मेरा नक़ल प्रकरण भी बनाया गया।

जिस छात्र को थप्पड़ मारे उसने बताया परीक्षा कक्ष में क्या हुआ था
वायरल वीडियो पर कलेक्टर ने हमेशा की तरह मीडिया से दूरी बनाई लेकिन छात्र रोहित राठौर ने बताया कि मैं टॉयलेट गया था तब पेपर टेबल पर रख कर गया था मैं जब लौटकर आया तो मेरा पेपर टेबल पर नहीं था, इतने में कलेक्टर परीक्षा कक्ष में आये उन्होंने एक छात्र के पास दो पेपर देखे तो उसे वहां से हटाकर ऑफिस में बैठा दिया और मेरी टेबल पर पेपर नहीं था तो उन्होंने मेरे थप्पड़ मारने शुरू कर दिए, उन्होंने चार पांच थप्पड़ मारे, मेरा कान सुन्न हो गया, दर्द होने लगा था, जिसकी मैंने दवाई ली थी, बाद में मेरा नक़ल प्रकरण भी बनाया गया।

PWD के कर्मचारी के भुगतान का मामला रहा था चर्चा में
IAS संजीव श्रीवास्तव को अवमानना से जुड़े एक मामले में ग्वालियर हाई कोर्ट से भी फटकार मिल चुकी है, मामला एक वेतनभोगी कर्मचारी से जुड़ा है, दरअसल, भिंड के लोक निर्माण विभाग में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी शिव पार्वती श्रीवास्तव का नियमितीकरण किया गया था श्रम न्यायालय ने उन्हें 12 लाख 10 हजार रुपये एरियर देने का आदेश दिया, भुगतान नहीं होने पर कर्मचारी ग्वालियर हाई कोर्ट गया हाई कोर्ट के आदेश पर भी भुगतान नहीं हुआ तब उसने अवमानना का केस दायर किया, कोर्ट ने भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को तलब किया गया।

हाई कोर्ट में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने दिया था अजीब तर्क
अब जब कोर्ट ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से सवाल किया तो कलेक्टर ने कह दिया कि भिंड में पीडब्ल्यूडी की संपत्ति नहीं है इसलिए कुर्क नहीं कर सकते, कोर्ट ने पूछा PWD का ऑफिस कहां है? कलेक्टर ने कहा, उस भवन पर तो मप्र शासन लिखा है, इतना सुनकर कोर्ट ने कहा कि कोई विभाग संपत्ति का मालिक नहीं होता, उस पर मप्र शासन ही लिखा रहता है, कलेक्टर ऑफिस पर भी मप्र शासन लिखा जाता है लेकिन संपत्ति का मालिक कलेक्टर नहीं होता, फटकार लगते हुए कोर्ट ने कर्मचारी को पूरा भुगतान करने का आदेश दिया लेकिन फिर भी कर्मचारी को भुगतान नहीं मिला।

कलेक्टर के आदेश पर हाई कोर्ट ने जताई थी नाराजगी, मुख्य सचिव के लिए की थी ये टिप्पणी
अब यहाँ भी भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने मामले को कोर्ट पर ही डाल दिया, उन्होंने अपने आदेश में लिख दिया कि “हाईकोर्ट के आदेश से मालनपुर स्थित लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस की नीलामी, विभाग का कार्यालय सील करने, दफ्तर में लगे प्राइवेट वाहनों का भुगतान रोककर कर्मचारी को दिया जाएगा”, हाई कोर्ट ने जब कलेक्टर का आदेश देखा तो पाया कि हाई कोर्ट के आदेश का उल्लेख कर कलेक्टर ने ये सारी कार्रवाई की है, जिसको लेकर कोर्ट ने कलेक्टर को फटकार लगाई , जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने कहा- कलेक्टर को आदेश का पालन कराने के लिए हाई कोर्ट का नाम लिखने की क्या जरुरत थी. क्या भिंड कलेक्टर अक्षम हैं? कोर्ट ने कलेक्टर के व्यवहार को देखते हुए टिप्पणी करते हुए कहा था, “मुख्य सचिव को यह निर्णय लेना चाहिए कि ऐसे अधिकारी को फील्ड में बने रहना चाहिए या नहीं।”

पूर्व सैनिकों के साथ अभद्रता करने के लगे थे आरोप
कुछ महीने पहले पूर्व सैनिक संघ ने भी कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के खिलाफ कलेक्ट्रेट के बाहर धरना-प्रदर्शन किया था, पूर्व सैनिकों का आरोप था कि जो सैनिक सीमाओं पर रहकर देश की सेवा कर रहे हैं, उन्हीं सैनिकों को अपमानित किया जा रहा है, नाराज पूर्व सैनिक कलेक्टर पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए उनके रवैये के खिलाफ सड़क पर धरने पर बैठ गए थे, पूर्व सैनिकों का कहना था है कि कलेक्टर ने उनकी बात सुनने की बजाय पुलिस वालों से धक्का देकर चैंबर से बाहर निकाल दिया और अपमानित किया।

हेमंत कटारे के गंभीर आरोप, गोविन्द सिंह भी कर चुके हैं शिकायतें
पिछले दिनों जनवरी के अंतिम सप्ताह में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव उनके ऊपर रेत माफिया द्वारा हमला किये जाने को लेकर चर्चा में रहे थे, हालाँकि उन्होंने बाद में इसका खंडन किया था लेकिन उपनेता नेता प्रतिपक्ष और भिंड जिले की अटेर विधानसभा से विधायक हेमंत कटारे ने कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाये, उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भिंड कलेक्टर प्राइवेट गाड़ियों में गुंडों को बैठाकर चैकिंग करते हैं उन्होंने पीसी में कुछ फोटो भी दिखाए जिसमें कलेक्टर के साथ कुछ ऐसे लोगों के होने का दावा किया जो असामाजिक तत्व हैं, हेमंत कटारे के अलावा वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री डॉ गोविन्द सिंह भी लंबे समय से कलेक्टर के खिलाफ मुख्यमंत्री को दर्जनों पत्र लिख चुके हैं, डॉ गोविन्द सिंह तो खुले आम आरोप लगाते रहे हैं कि प्रशासन के संरक्षण में भिंड में अवैध रेत उत्खनन हो रहा है, लेकिन सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया है।

बहरहाल IAS संजीव श्रीवास्तव और विवाद इन दिनों पर्याय बने हुए हैं, कार्यशैली को लेकर चर्चा में बने रहने वाले भिंड कलेक्टर के कारनामों की गूंज सोशल मीडिया से लेकर प्रादेशिक मीडिया और राष्ट्रीय मीडिया तक सब जगह सुनाई देती है बस राजधानी में बैठे अधिकारियों को ये ना सुनाई देती है ना दिखाई देती है अब इसकी वजह सरकार ही बता सकती है।

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