हथियारों का जखीरा बरामद: STF-पुलिस की बड़ी कार्रवाई, दो तस्कर गिरफ्तार

भोजपुर : बिहार के भोजपुर जिले से शुक्रवार को एक बड़ी खबर सामने आई, जिसने पूरे सीमांचल और मगध इलाके में हलचल मचा दी। पटना एसटीएफ और शाहपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में भारी मात्रा में हथियार और जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इनमें एके-47 राइफल से लेकर पिस्टल और रिवॉल्वर तक शामिल हैं। इस दौरान पुलिस ने दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि इन हथियारों का इस्तेमाल आगामी विधानसभा चुनाव से पहले माहौल बिगाड़ने के लिए किया जा सकता था।
गुप्त सूचना पर छापेमारी
पटना एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में हथियारों की बड़ी खेप छिपाकर रखी गई है। सूचना की गंभीरता को देखते हुए एसटीएफ ने शाहपुर पुलिस के साथ तुरंत छापेमारी की योजना बनाई। शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 3 और 6 में हुई इस कार्रवाई के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने जिस तरह से हथियार बरामद किए, उसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया।
बरामद हथियारों की सूची
कार्रवाई में पुलिस ने 1 एके-47 राइफल (लोडेड), 2 पिस्टल, 1 रिवॉल्वर, 1 देशी कट्टा, 1 देशी थार्नेट, 1 देशी बंदूक, 5 मैग्जीन और करीब 76 जिंदा कारतूस बरामद किए। इसके अलावा तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए गए। इतनी बड़ी मात्रा में हथियार एक ही जगह से मिलना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है।

गिरफ्तार आरोपित
पुलिस ने मौके से दो तस्करों को गिरफ्तार किया है— पंकज राय उर्फ सत्यजीत राय (35 वर्ष), निवासी शाहपुर वार्ड 5 अंकित कुमार (19 वर्ष), निवासी शाहपुर वार्ड 10 ।दोनों से पूछताछ जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि इनके जरिये एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।
चुनावी सुरक्षा पर सवाल
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक हैं और इसी दौरान इतनी बड़ी बरामदगी ने सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आशंका जताई जा रही है कि इन हथियारों का इस्तेमाल चुनावी हिंसा या असामाजिक तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने के लिए किया जा सकता था। इससे पहले भी चुनाव के पहले हथियार बरामदगी के कई मामले सामने आ चुके हैं।
अंतरराज्यीय नेटवर्क की आशंका
गिरफ्तार तस्करों के तार अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े हो सकते हैं। STF को शक है कि इन हथियारों की आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से होती रही है और इसका नेटवर्क बिहार के अलग-अलग जिलों तक फैला हुआ है। पूछताछ के आधार पर जल्द ही अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की संभावना जताई जा रही है।
राहत और सतर्कता का माहौल
इस कार्रवाई के बाद शाहपुर और आसपास के इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है। आम नागरिकों का मानना है कि समय रहते पुलिस और एसटीएफ ने बड़ी घटना को रोक दिया, वरना हालात बेकाबू हो सकते थे। हालांकि लोगों के मन में यह सवाल भी है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में हथियार बिहार में कैसे पहुंचते हैं और इनकी खपत कहां होती है।
बिहार पुलिस और STF की यह संयुक्त कार्रवाई अब तक की बड़ी सफलताओं में से एक मानी जा रही है। इससे खुफिया तंत्र की सक्रियता और समय पर कार्रवाई की क्षमता साबित हुई है। सुरक्षा एजेंसियां अब इस नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने की दिशा में जुटी हैं ताकि भविष्य में किसी तरह की बड़ी घटना को रोका जा सके।