
रिपोर्ट– जितेंद्र कुमार
आरा: संवाद संचार के सबसे बड़े घटक में से एक है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि दो पक्षों के बीच संवाद होने से बातें खुलकर सामने आती हैं और फिर बिना किसी संशय के समस्याओं का या फिर परिस्थितियों से बाहर निकलकर बेहतर करने हेतु दोनों पक्षों के बीच राय बनती है। जिसके सुखद परिणाम होते हैं। राज्य सरकार का महिला संवाद कार्यक्रम भी एक ऐसा ही कार्यक्रम है जो सरकार और आधी आबादी के बीच इन दिनों जारी है। संवाद कार्यक्रम के माध्यम से सरकार महिलाओं से यह समझ रही हैं कि उनके द्वारा संचालित योजनाओं से महिलाओं को कितना फायदा हुआ है और फिर ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने के लिए और क्या कार्य किए जाएं उसी को लेकर संवाद जारी है।
2 पालियों में महिला संवाद कार्यक्रम
संवाद के सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं और महिलाओं के द्वारा दर्ज कराई जा रही इच्छाएं एवं आकांक्षाएं समुदाय एवं राज्य स्तर पर प्रभावी साबित होने की ओर अग्रसर हैं। भोजपुर जिला के 12 प्रखंडों में 18 अप्रैल से प्रतिदिन 2 पालियों में महिला संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जहां ग्रामीण महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक और उन्हें अपने अधिकारों एवं अवसरों के प्रति सशक्त बनाने हेतु सरकार और महिलाओं के बीच जीविका से संबद्द ग्राम संगठन के द्वारा संवाद जारी है। महिला संवाद कार्यक्रम में सहार प्रखंड के काली जीविका स्वयं सहायता समूह की मीरा देवी ने बताया कि उनके पति शराब बेचने के धंधा में जुड़े हुए थे। वो इस व्यवसाय को छोड़ना चाहते थे। तभी वह बिहार सरकार की महिला सशक्तिकरण हेतु चलायी जा रही सतत जीविकोपार्जन योजना से जुडी एवं किराना दुकान शुरूकर सम्मानपूर्ण जीवन व्यतीत कर रही है।
सामाजिक गतिविधियों से जागरूकता बढ़ी
कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाएं सामाजिक और विकासात्मक विषयों पर खुलकर अपने विचार साझा कर रही हैं।महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है, जिससे वे इसका लाभ ले सकें। महिलाएं अपनी आकांक्षाओं और सामुदायिक स्तर पर आवश्यक कार्यों एवं योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए इस उचित मंच पर रख रही हैं। जिनमें गाँव में उद्योग-धंधा, सामुदायिक भवन, सामुदायिक पुस्तकालय, मध्य एवं उच्च विद्यालय की उपलब्धता, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, नाली एवं जल निकासी की समस्याओं का समाधान, घर में पानी, गाँव से सड़क तक पहुच पथ, सड़कों की मरम्मत, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, रोजगार के अवसरों का विस्तार, वृद्धा एवं विधवा पेंशन में बढ़ोतरी, सब्जी मंडी, वाहन स्टैंड, गंगा की सफाई, स्वच्छता आदि शामिल हैं। महिला संवाद कार्यक्रमों से महिलाओं में सामाजिक गतिविधियों से जागरूकता बढ़ी है। वो दहेज प्रथा और बाल विवाह की रोकथाम, महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, नशा मुक्त समाज के निर्माण और घरेलू हिंसा की रोकथाम के लिए संकल्प और शपथ ले रही हैं।
सकारात्मक परिवर्तन लाएंगे
महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन की दिशा में यह संवाद महत्वपूर्ण है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाएं न केवल जागरूक हो रही हैं, बल्कि वे अपने अधिकारों और अवसरों के प्रति भी सशक्त हो रही हैं। महिलाओं को विश्वास है कि उनके लिए आयोजित संवाद कार्यक्रम महिलाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएंगे और गांव समाज का उत्तरोत्तर विकास होगा।