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हेट स्‍पीच केस में हुई 2 साल की सजा, अब्बास अंसारी की जाएगी विधायकी

मऊ : बीते विधानसभा चुनाव के दौरान नफरती भाषण और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन के मामले मे फैसला आज आ चुका है. माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे व मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी को दोषी करार दिया गया है. उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई है. इसी के साथ अब्बास की विधायकी चली गई है. बता दें, सीजेएम डाॅ. केपी सिंह ने मामले में पक्षकारों की बहस सुनने के बाद फैसला के लिए 31 मई की तिथि नियत की थी. मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है.

मऊ सदर से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच और आचार संहिता उल्लंघन के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने आज फैसला सुनाया. मंसूर अंसारी को 2 साल की सजा सुनाई है. साथ ही, 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. मऊ इस मामले में सह-आरोपी मंसूर अंसारी को अदालत ने केवल 120 बी के तहत षड्यंत्र रचने का दोषी पाया और 6 माह की सजा सुनाई है. बता दें, कोतवाली थाने में दर्ज इस मामले में अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और तीन अन्य लोगों पर चुनाव प्रचार के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को “देख लेने” की धमकी देने का आरोप था.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट में सजा के ऐलान के बाद अब्बास अंसारी ने तय किया है कि वे मऊ के सीजेएम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से सदर विधायक अब्बास अंसारी का आरोप है कि उनके पक्ष को पूरी तरह सुना नहीं गया. इसलिए अब वह शिकायत लेकर हाई कोर्ट जाएंगे.

यह है मामला

मामला तब सामने आया जब 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ के पहाड़पुरा इलाके में एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने कथित तौर पर विवादित बयान दिया था. आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को सत्ता में आने के बाद हिसाब-किताब करने की धमकी दी, जिसे हेट स्पीच माना गया. शहर कोतवाली में सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद की तहरीर पर अब्बास, उमर और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके अलावा, दक्षिण टोला थाने में भी आचार संहिता उल्लंघन का एक अलग मामला दर्ज हुआ था.

पिछले कुछ महीनों में इस मामले की सुनवाई कई बार टली थी. 28 मई 2025 को कोर्ट में बहस पूरी नहीं हो सकी थी और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. कृष्ण प्रताप सिंह ने 31 मई की तारीख नियत की थी. इस मामले की सुनवाई से पहले पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क और मुस्तैद था. न्यायालय परिसर के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई और अंदर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सघन जांच की जा रही थी.

अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-सुभासपा गठबंधन के तहत मऊ सदर सीट से जीत हासिल की थी. उनके पिता, दिवंगत गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी, भी मऊ से पांच बार विधायक रह चुके हैं. इस मामले का फैसला मऊ की सियासत में हलचल मचा सकता है, क्योंकि अब्बास अंसारी क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं. कोर्ट का फैसला अब्बास के राजनीतिक करियर को प्रभावित कर सकता है. उनकी विधायकी रद्द हो सकती है.

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