
प्यार एक खूबसूरत एहसास है, लेकिन इसे निभाना आसान नहीं। हर रिश्ता 5 अहम पड़ावों से गुजरता है। ये पांच स्टेज ही तय करते हैं कि आपका रिश्ता कितना मजबूत है। आइए जानते हैं प्यार के इन 5 स्टेज के बारे में और देखें कि आप अपने रिश्ते में किस मुकाम पर हैं
सच तो यह है कि सच्चा प्यार रातों-रात होने वाला कोई चमत्कार नहीं है। यह एक पौधा है जो धीरे-धीरे, कई खूबसूरत पड़ावों (Stages Of Love) से होकर फलता-फूलता है। हर पड़ाव अपनी पहचान रखता है और हमें रिश्ते की गहराई में ले जाता है। जानना चाहते हैं कि आप अभी प्यार की किस मंजिल पर हैं? आइए, आपको इसके 5 खास पड़ावों (Phases Of A Relationship) के बारे में बताते हैं
जब दिल में बजती है घंटी
ये वो शुरुआती दौर होता है जब आप किसी से मिलते हैं और तुरंत उनके प्रति आकर्षण महसूस करते हैं। ये बस एक चिंगारी होती है जो आपको उस शख्स की ओर खींचती है। हो सकता है आपको उनकी बातें, उनका दिखना, या उनकी कोई आदत बहुत पसंद आ जाए। इस दौरान आप उनके बारे में और जानना चाहते हैं, उनसे बात करना चाहते हैं। ये सिर्फ ऊपरी तौर पर होता है, अभी आप उन्हें गहराई से नहीं जानते।
जब खुलने लगती हैं परतें
अट्रैक्शन के बाद आता है पहचान का पड़ाव। इस दौरान आप उस व्यक्ति के साथ ज्यादा समय बिताते हैं, बातें करते हैं और एक-दूसरे को जानने की कोशिश करते हैं। आप उनकी पसंद-नापसंद, उनके सपने, उनके डर और उनकी वैल्यूज को समझने लगते हैं। आप उनके अच्छे और बुरे दोनों पहलुओं को देखना शुरू करते हैं। ये वो समय होता है जब आप तय करते हैं कि क्या आप उनके साथ और आगे बढ़ना चाहते हैं या नहीं।
जब खुलने लगते हैं दिल के राज
ये एक बहुत ही नाजुक और गहरा पड़ाव होता है, जिसे करीबी का पड़ाव कहते हैं। इस दौरान आप और आपका साथी एक-दूसरे पर भरोसा करना शुरू करते हैं। आप अपने गहरे राज, अपनी कमजोरियां और अपने सबसे निजी विचार शेयर करते हैं। आप एक-दूसरे के लिए इमोशनली अवेलेबल होते हैं और एक-दूसरे को सहारा देते हैं। ये वो समय है जब आप दोनों के बीच एक मजबूत भावनात्मक बंधन बनने लगता है।
जब बनती है एक पक्की नींव
अगर आप तीनों पड़ावों से सफलतापूर्वक गुजर चुके हैं, तो आप प्रतिबद्धता के पड़ाव पर आते हैं। ये वो समय होता है जब आप दोनों एक-दूसरे के प्रति समर्पित महसूस करते हैं। आप एक साथ भविष्य के सपने देखते हैं और एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का फैसला करते हैं। ये सिर्फ कहने भर की बात नहीं होती, बल्कि आपके कामों और बरताव में भी ये कमिटमेंट झलकती है। इस पड़ाव पर रिश्ता एक मजबूत नींव पर खड़ा होता है।
जब रिश्ता बन जाता है जिंदगी का हिस्सा
और आखिर में आता है सच्चा प्यार! इस पड़ाव पर आप एक-दूसरे को पूरी तरह स्वीकार कर चुके होते हैं, उनकी खूबियों और कमियों के साथ। जी हां, आप एक-दूसरे की खुशी को अपनी खुशी समझते हैं और हर मुश्किल में एक-दूसरे का हाथ थामे रहते हैं। ये वो रिश्ता होता है जो समय के साथ और भी गहरा और मजबूत होता जाता है और जिंदगी का एक अटूट हिस्सा बन जाता है।