खंडवा के डुगवाद में पानी टंकियों का निर्माण अधर में, ग्रामीण और बच्चे समस्याओं से त्रस्त

डुगवाद (बाम झर, छैगाव माखन, खंडवा): एक वर्ष पूर्व शुरू की गई पेयजल योजना, जिसमें पानी की टंकी और नलजल पाइपलाइन शामिल थी, आज भी गांववासियों के लिए सौगात नहीं बन सकी है। ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य बीच में छोड़ देने के कारण ग्रामीणों की परेशानी बढ़ती जा रही है।
अधूरा निर्माण,आवागमन प्रभावित
खुले गटरों और अधूरे पाइपलाइन की वजह से खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। बैलगाड़ी और मोटरसाइकिल का पहिया कई बार कीचड़ में अटक गया, जिससे बच्चों व महिलाओं को स्कूले जाने में दिक्कतें हो रही हैं। गंदगी एवं कीचड़ से स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी उत्पन्न हो गया है।
स्वास्थ्य का खतरा, स्वच्छता में गिरावट
बच्चों की स्कूल ड्रेस कीचड़ से गंदी हो रही है और आने-जाने में फिसलन से चोट का डर बना हुआ है। खुले गटरों में पानी और कीचड़ जमा हो जाना रोगों को निमंत्रण देने जैसा है।
स्थानीय प्रतिनिधियों की आवाज़
ग्रामवासियों ने कहा कि आदिवासी इसी परियोजना के लिए आशान्वित थे, लेकिन अधूरे कार्य से उनका भरोसा टूट गया है। पंचायत प्रतिनिधि ने बताया:
“हमने कई बार अधिकारियों को अवगत कराया पर कार्रवाई नहीं हुई। अगर टंकी और पाइप लाइन पांच दिन नहीं पूरी होती, तो ग्रामीण सड़कों पर उतरेंगे।”
समस्याओं की पैठ
हालांकि राज्य सरकार ग्रामीण जल संरचानाओं और बारिश जल संचयन में खंडवा को देश की नंबर 1 श्रेणी में ला चुकी है। लेकिन डुगवाद जैसी जगहों पर बुनियादी पहुंच अभी भी सपना बनी हुई है। इससे साफ होता है कि विकास योजनाएं भले केंद्रित हों, लेकिन स्थानीय क्रियान्वयन में भारी दरारें बनी हुई हैं।
आगामी माँग और अपेक्षाएँ
ग्राम पंचायत और जिला प्रशासन से जल्द ही अधूरे कार्य को पूर्ण कराने की माँग। गटरों को ढककर स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित । नियमित निगरानी और ठेकेदार की जवाबदेही तय करने पर निर्णय स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से गठित प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि यदि समाधान नहीं मिला, तो “सड़क जाम” और “ग्राम आंदोलन” जैसे शांतिपूर्ण तरीकों को अपनाया जाएगा।