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गांव की लड़की ने कर दिखाया कमाल, खड़ा कर दिया इतना बड़ा बिजनेस, जाने इनकी सफलता की कहानी

Success Story: विशाला ऐसे गांव में पली-बढ़ीं जहां उनका परिवार बाजरा उगाता था। उन्होंने बाजरे को चुना और एक ऐसा ब्रांड बनाया जो हेल्दी भी है और टेस्टी भी। विशाला को बाजरा उत्पादों में एक अवसर दिखाई दिया। उनकी कंपनी का नाम मिंकन एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड है। अगस्त 2021 में उन्होंने अपना ब्रांड ‘मिलेट बैंक’ लॉन्च किया। यह ब्रांड रेडी-टू-कुक (RTC) और रेडी-टू-ईट (RTE) प्रोडक्‍ट बेचता है। अपनी शुरुआत से सिर्फ तीसरे साल में ही कंपनी का टर्नओवर 6 करोड़ रुपये को पार कर गया। वहीं, कुल बिक्री 10 करोड़ रुपये पहुंच गई। आइए, यहां विशाला रेड्डी वुय्याला की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

बाजरे में देखा अवसर
आधुनिक युवाओं के बीच फास्‍ट फूड की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद हैदराबाद की विशाला रेड्डी वुय्याला ने पारंपरिक बाजरे (मिलेट) को एक सफल कारोबारी वेंचर में बदल दिया है। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली विशाला ने अपने परिवार के बाजरा उगाने के अनुभव को एक अवसर के रूप में देखा। उन्होंने 2021 में ‘मिलेट बैंक’ ब्रांड के तहत अपनी कंपनी मिंकन एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की। यह ब्रांड रेडी-टू-कुक (RTC) और रेडी-टू-ईट (RTE) बाजरा उत्पाद प्रदान करता है। इनमें नूडल्स, कुकीज, पास्ता और अलग-अलग तरह के कॉम्बिनेशन शामिल हैं, जो स्वस्थ होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी हैं।

तीसरे साल में ही जोरदार प्रतिक्रिया
अपनी शुरुआत के सिर्फ तीसरे साल में ही विशाला के ‘मिलेट बैंक’ ने 6 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का टर्नओवर हासिल कर लिया। कंपनी की कुल बिक्री 10 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। विशाला के उत्पाद ऑनलाइन और प्रमुख सुपरमार्केट में उपलब्ध हैं। साथ ही दुबई में भी एक्‍सपोर्ट किए जा रहे हैं। विशाला ने अपने ग्रामीण और शहरी अनुभवों को मिलाकर बाजरे को पुनर्जीवित करने के अपने मिशन की नींव रखी। उनका मकसद न केवल एक सफल व्यवसाय बनाना, बल्कि किसानों की मदद करना और बाजरे की खेती को बढ़ावा देना भी था। खासकर जब उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपनी बहन को बाजरा को कम कीमत पर बेचने में कठिनाई का अनुभव करते देखा।

चुनौत‍ियों से भरा था सफर
विशाला का सफर चुनौतियों से भरा था। इसमें व्यक्तिगत नुकसान और उनके बाजरा-आधारित उद्यम को लेकर परिवार और ग्रामीणों का संदेह शामिल था। इसके बावजूद उन्होंने अपने मिशन में दृढ़ता बनाए रखी। विशाला ने अपने गांव के किसानों के साथ समय बिताकर उनकी चुनौतियों को समझा। पारंपरिक खेती के तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। मिलेट बैंक ने तेलंगाना और तमिलनाडु में 1,000 से ज्‍यादा किसानों के साथ साझेदारी की है, जिससे उनकी आजीविका में सुधार हुआ है। कंपनी की उत्पादन प्रक्रिया थर्ड पार्टी के जरिये मैनेज की जाती है, जबकि मुख्य फोकस पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर रहता है। इसमें 30 कर्मचारियों की समर्पित टीम काम करती है।

40 से ज्‍यादा प्रोडक्‍ट
विशाला का ‘मिलेट बैंक’ 40 से ज्‍यादा मिलेट प्रोडक्‍ट बनाता और बेचता है। उसके ‘कृशायु’ गिफ्ट डिवीजन में पारंपरिक खिलौने, दीये और आयुर्वेदिक उत्पाद भी शामिल हैं। व‍िशाला के 22 वर्षीय बेटे नचिकेत रेड्डी ई-कॉमर्स और डायरेक्ट सेल्स डिवीजन संभालते हैं। बाजरा कम पानी में उगता है और जलवायु परिवर्तन के प्रति प्रतिरोधी है। यह न केवल पौष्टिक है बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर है। विशाला की कहानी हमें अपनी जड़ों को संजोने, किसानों का समर्थन करने और सतत भविष्य के लिए पारंपरिक खाद्य प्रणालियों को बढ़ावा देने की प्रेरणा देती है।

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