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एक IAS का 33 वर्षों में 57 बार हुआ ट्रांसफर, क्या थी वजह?, कौन है वो अधिकारी, जाने यहां

अशोक खेमका को भ्रष्टाचार के खिलाफ अडिग रुख अपनाने के कारण उन्हें लगातार अधिकारियों द्वारा बदलावों का सामना करना पड़ा। एक ऐसी ही निडरता की कहानी साल 1994 की है.

IAS अधिकारी अशोक खेमका ने बताया कि साल 1994 में उनकी पोस्टिंग SDM के रूप में हरियाणा के टोहाना में थी। खेमका ने बताया कि उस समय डीसी का फोन आया कि पीएम की रैली के लिए आपके अधिकार क्षेत्र से ट्रकों का इंतजाम करना पड़ेगा। उस समय देश के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव थे। खेमका ने बताया कि उन्होनें डीसी को साफ मना कर दिया। इस पर डीसी ने कहा कि आप ये लिख कर दें कि आप पीएम की रैली के लिए ट्रकों का इंतजाम नहीं करेंगे। डीसी की इस बात पर खेमका ने कहा कि आप लिख कर दें तो मैं भी लिख कर जवाब दें दुंगा।

अशोक खेमका ने बताया कि इस बात से खफा होकर अगले ही दिन पूरे काडर में उनका अंडर सेक्रेट्ररी के रूप में चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया गया। जबकि उनकी पत्नी उस समय गर्भवती थी। उन्होनें बताया पत्नी की हालत देख कर वो डर गए थे और उनके हाथ-पैर सुन्न पड़ गए थे।

57 बार हुआ ट्रांसफर 

बता दें कि पश्चिम बंगाल में जन्मे पूर्व IAS अधिकारी अशोक खेमका अकेले ऐसे अधिकारी हैं जिनका 33 वर्षों में 57 बार ट्रांसफर हुआ है। वह 2012 में रॉबर्ट वाड्रा‑DLF भूमि सौदे की म्यूटेशन रद्द करने के कारण राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के कारण उन्हें “ईमानदार अधिकारी” के रूप में जाना जाता है।

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