
Delhi: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में गिरफ्तार दो कश्मीरियों से चौंकाने वाली जानकारी मिली है. पहलगाम में 22 अप्रैल को हिन्दू पर्यटकों के नरसंहार की जांच के दौरान यह सब सामने आया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस हमले को अंजाम देने में आतंकियों की मदद करने के आरोप में दो कश्मीरियों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर के रूप में की गई है, जिन पर हमले से पहले आतंकियों को ठिकाना, भोजन आदि देने का आरोप है. इन दोनों से पूछताछ में यह भी सामने आया है कि हमले में शामिल तीनों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े हुए थे.
कुल 10 लोग मारे गए थे
सूत्रों के मुताबिक, हमले में शामिल एक आतंकी की पहचान हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान के रूप में हुई है, जो कथित रूप से पाकिस्तान की विशेष बल इकाई ‘स्पेशल सर्विस ग्रुप’ (SSG) का पैरा कमांडो रह चुका है. मूसा कुछ महीनों से कश्मीर में सक्रिय था और अक्टूबर 2024 में गंगनगिर (गांदरबल) और बुटा पात्री में हुए दोहरे आतंकी हमलों का भी हिस्सा रहा है, जिसमें कुल 10 लोग मारे गए थे.
आदिल को पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण मिला था
सूत्रों का कहना है कि हाशिम मूसा को एसएसजी से लश्कर-ए-तैयबा को ‘लोन’ पर दिया गया था, ताकि वह सुरक्षा बलों और गैर-स्थानीय नागरिकों पर हमले कर सके. उसके साथियों में एक और पाकिस्तानी आतंकी अली भाई और स्थानीय आतंकी आदिल हुसैन ठोकर शामिल हैं. आदिल को पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण मिला था.
ओवरग्राउंड वर्करों से मिली मदद
इधर टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए ने परवेज और बशीर को गिरफ्तार करने से पहले तकनीकी निगरानी और लगभग 15 ओवरग्राउंड वर्करों (OGWs) से मिले इनपुट का विश्लेषण किया था. इन सभी लोगों का हमलावरों से सीधा या परोक्ष संपर्क था या फिर उन्हें साजिश की आंशिक जानकारी थी. जांच में यह भी सामने आया कि आतंकी पाकिस्तानी हैंडलरों से संपर्क में थे और बातचीत के लिए ‘Ultra’ जैसे चीनी ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे थे. एनआईए को शक है कि हमलावर अभी भी त्राल-कुलगाम-अनंतनाग के जंगलों में छिपे हुए हैं.
इस मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों को जम्मू स्थित एनआईए कोर्ट में पेश किया जाएगा. उनकी हिरासत में पूछताछ से इस हमले की साजिश और पाकिस्तान से उसके जुड़ाव को लेकर अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है. हैरानी की बात यह है कि परवेज और बशीर का अब तक कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. पहलगाम हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी और 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
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