
बिहार में बड़े उलटफेर की संभावना
पटना: बिहार भर में चर्चा है कि लालू प्रसाद यादव RJD का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने जा रहे हैं. अगर ऐसा हुआ तो बिहार में बड़ा उलटफेर हो सकता है। चर्चा भर से बिहार की सियासत में हलचल मच गई है. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पार्टी में बड़े संगठनात्मक बदलाव की चर्चाएं चल रही हैं. हाल ही में मंगनी लाल मंडल को बिहार प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या RJD को जल्द ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने वाला है?
क्या लालू यादव छोड़ रहे हैं पद?
दरअसल, 19 जून 2025 को पटना के ज्ञान भवन में आयोजित RJD की राज्य परिषद की बैठक में मंगनी लाल मंडल को औपचारिक रूप से बिहार प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई. इस बैठक में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव मौजूद थे. इस दौरान तेजस्वी यादव की मांग पर लालू यादव ने बड़ा इशारा करते हुए कहा कि जगदानंद सिंह को हम बहुत धन्यवाद देते हैं. उन्होंने काफी काम किया और पार्टी को आगे बढ़ाया है. लालू यादव ने यह भी कहा कि मुझे भी 28 सालों से आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बैठाने के लिए आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद. दरअसल, लालू यादव के संबोधन से पहले तेजस्वी यादव ने आरजेडी राज्य परिषद की कहा कि जगदानंद सिंह को पार्टी में राष्ट्रीय भूमिका दी जानी चाहिए. ऐसे में अब बिहार की सियासत में यह सवाल तेजी से गूंज रहा है कि क्या लालू प्रसाद यादव 28 सालों के लंबे अंतराल के बाद इस बार आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने वाले हैं?
पांच जुलाई को ऐलान?
राज्य परिषद की बैठक के दौरान तेजस्वी की मांग पर लालू यादव की भी सहमति मिलती दिख रही है. लालू यादव ने भी जगदानंद सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि जगदा बाबू ने आरजेडी को काफी आगे बढ़ाया है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि जल्द ही जगदानंद सिंह को आरजेडी में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है. दरअसल, अगले महीने 5 जुलाई को RJD का राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है. ऐसे में यह लगभग साफ़ हो गया है कि आरजेडी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव की जगह जगतानंद सिंह हो सकते हैं.
चुनाव से पहले बड़ा मैसेज!
बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव है. ऐसे में आरजेडी बड़ा फैसला लेकर बिहार के लोगों को बड़ा संदेश देंगे. पहले मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना और उसके बाद अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर जगदानंद सिंह का नाम आगे किया जाता है तो इससे बिहार के लोगों को बड़ा संदेश जाएगा. लालू यादव और तेजस्वी यादव की इस रणनीति के तहत लालू परिवार पर लगने वाले परिवारवाद के दाग को धोने के साथ-साथ सामान्य जातियों खासकर राजपूत समाज को भी बड़ा मैसेज देने की कोशिश की जाएगी. राजपूत समाज का बड़ा हिस्सा लंबे समय तक लालू यादव के साथ रहा है। अगर लालू – तेजस्वी इस समाज को जोड़ लेते हैं, तो बड़े उलटफेर से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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