Success Story: महज ₹1.85 लाख से बना डाली ₹31 करोड़ की कंपनी, आखिर क्या है इस बिज़नेस मेन की कहानी?
Success Story: रायपुर के मनीष मोहता आज भारत की अग्रणी एड-टेक कंपनियों में से एक, लर्निंग स्पाइरल प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक हैं। यह कंपनी एग्जामिनेशन सॉल्यूशन और असेसमेंट टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करती है और AI व IT तकनीक का उपयोग करके परीक्षाओं को पारदर्शी और आसान बनाती है।

Success Story: रायपुर के मनीष मोहता आज भारत की अग्रणी एड-टेक कंपनियों में से एक, लर्निंग स्पाइरल प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक हैं। यह कंपनी एग्जामिनेशन सॉल्यूशन और असेसमेंट टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करती है और AI व IT तकनीक का उपयोग करके परीक्षाओं को पारदर्शी और आसान बनाती है। मनीष ने यह कंपनी साल 2000 में तब शुरू की जब वे दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में थे। सिर्फ ₹1.85 लाख की पूंजी और तीन दोस्तों की मदद से शुरू हुई इस कंपनी का आज टर्नओवर ₹31 करोड़ से अधिक है।
ऐसे आया बिजनेस आइडिया
इंजीनियरिंग के दौरान मनीष (Success Story) ने महसूस किया कि परीक्षा और पढ़ाई के बीच संतुलन बना पाना मुश्किल होता है। परीक्षाओं की लंबी अवधि छात्रों के पढ़ाई के समय को कम कर देती है। इसी अनुभव से उन्हें एक विचार आया — ऐसी तकनीक तैयार करना जो परीक्षा प्रक्रिया को तेज़, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाए। यहीं से जन्म हुआ लर्निंग स्पाइरल का, जो छात्रों और संस्थानों दोनों के लिए परीक्षा प्रबंधन को आसान बनाता है। कंपनी परीक्षा से जुड़ी सेवाओं जैसे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, पेपर प्रिंटिंग, ऑनलाइन असेसमेंट और प्रॉक्टरिंग प्रदान करती है।
Success Story: देशभर में बड़ी क्लाइंट लिस्ट
लर्निंग स्पाइरल की सेवाएं आज कई बड़े संस्थानों और सरकारी एजेंसियों तक पहुंच चुकी हैं। इसमें भारतीय रेलवे, ओडिशा पुलिस, जामिया मिलिया इस्लामिया, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और पश्चिम बंगाल स्कूल बोर्ड जैसे प्रतिष्ठित क्लाइंट शामिल हैं। कंपनी एंड-टू-एंड एग्जाम सॉल्यूशन जैसे कि सिक्योरिटी प्रिंटिंग, आउटसोर्स प्रोसेसिंग और डिजिटल प्रॉक्टरिंग प्रदान करती है। शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ यह रिक्रूटमेंट एजेंसियों और अन्य मूल्यांकन निकायों के लिए भी सेवाएं उपलब्ध कराती है।
Success Story: शुरुआती संघर्ष और पारिवारिक समर्थन
हालांकि मनीष (Success Story) एक सफल कारोबारी परिवार से आते हैं, फिर भी उनके स्टार्टअप आइडिया को लेकर परिवार में कुछ संदेह था। नई तकनीक को अपनाने में संस्थानों को शुरुआत में कठिनाई हुई, लेकिन जब परिणाम सकारात्मक दिखे तो उन्होंने इसे खुले दिल से अपनाया। जामिया मिलिया इस्लामिया और बीएचयू उनके शुरुआती क्लाइंटों में रहे, जहां प्रोफेसरों ने भी उन्हें पूरा सहयोग दिया।
अब है ग्लोबल एक्सपैंशन का लक्ष्य
आज मनीष मोहता (Success Story) की कंपनी भारत में एड-टेक क्षेत्र की पहचान बन चुकी है। अब उनका अगला लक्ष्य है अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश करना और हर साल 100% ग्रोथ हासिल करना। मनीष अपने परिवार के साथ संतुलन बनाए रखने की कोशिश करते हैं। उनकी पत्नी रंजीता न केवल घर पर बल्कि बिजनेस में भी उनका साथ देती हैं। उनके तीन बच्चे हैं और वह मानते हैं कि एक मजबूत फैमिली सपोर्ट सिस्टम से ही काम और जीवन में संतुलन बन पाता है।