Nikhil Kamath: अधूरी पढ़ाई, कॉल सेंटर की नौकरी और 64 हजार करोड़ का साम्राज्य, जानें ज़ेरोधा के फाउंडर की सक्सेस स्टोरी
Nikhil Kamath: हम अक्सर अपने बच्चों को समझाते हैं कि सफलता का रास्ता पढ़ाई से होकर गुजरता है। डिग्री, मार्कशीट और बड़ी यूनिवर्सिटी को जीवन की गारंटी मान लिया जाता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो इस परंपरा को तोड़ते हैं और अपने जुनून के दम पर सफलता की नई मिसाल गढ़ते हैं। निखिल कामथ की कहानी भी कुछ ऐसी ही है

Nikhil Kamath: हम अक्सर अपने बच्चों को समझाते हैं कि सफलता का रास्ता पढ़ाई से होकर गुजरता है। डिग्री, मार्कशीट और बड़ी यूनिवर्सिटी को जीवन की गारंटी मान लिया जाता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो इस परंपरा को तोड़ते हैं और अपने जुनून के दम पर सफलता की नई मिसाल गढ़ते हैं। निखिल कामथ की कहानी भी कुछ ऐसी ही है – एक हाई स्कूल ड्रॉपआउट, जिसने ₹8,000 की कॉल सेंटर की नौकरी से शुरुआत कर ₹64,800 करोड़ की कंपनी ज़ेरोधा (Zerodha) खड़ी कर दी।
पढ़ाई छोड़ी, कॉल सेंटर में की नौकरी
Nikhil Kamath को जल्द ही यह समझ आ गया था कि पढ़ाई उनके लिए नहीं बनी है। इसलिए उन्होंने स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। जब यह बात घरवालों को पता चली तो काफी नाराज़गी भी हुई। लेकिन उन्होंने किसी तरह मां को मनाया और 15 साल की उम्र में मोबाइल बेचने का काम शुरू कर दिया। इसके बाद 17 साल की उम्र में उन्होंने एक कॉल सेंटर की नौकरी पकड़ ली, जहां उन्हें रात 5 बजे से 2 बजे तक काम करना होता था और मासिक सैलरी ₹8,000 थी।
Nikhil Kamath: शेयर बाजार से बनी दिलचस्पी
कॉल सेंटर की नौकरी के साथ-साथ निखिल (Nikhil Kamath) ने शेयर बाजार में भी हाथ आजमाना शुरू किया। अपनी सैलरी का एक हिस्सा उन्होंने शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू किया। धीरे-धीरे उन्हें बाजार की अच्छी समझ होने लगी। उन्होंने अपने पिता का पोर्टफोलियो संभालना शुरू किया और फिर दोस्त और रिश्तेदार भी उनसे निवेश में मदद लेने लगे। दिन में शेयर बाजार और रात में कॉल सेंटर की नौकरी – यही उनका रूटीन बन गया।
Nikhil Kamath: ज़ेरोधा की शुरुआत
शेयर बाजार में बढ़ती रुचि को Nikhil Kamath ने बिज़नेस का रूप देने का फैसला किया। 2010 में, उन्होंने अपने बड़े भाई नितिन कामथ के साथ मिलकर Zerodha की शुरुआत की। शुरुआत में रिस्पॉन्स बहुत धीमा था – एक दिन में एक यूज़र तक नहीं मिलता था। लेकिन निखिल और नितिन को भरोसा था कि उनका आइडिया एक दिन बड़ी कामयाबी लाएगा। धीरे-धीरे लोगों का भरोसा बढ़ा और आज ज़ेरोधा के साथ 1.6 करोड़ से ज्यादा यूज़र्स जुड़ चुके हैं।
भारत की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म
आज ज़ेरोधा भारत की सबसे बड़ी डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म बन चुकी है। हुरुन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 में ज़ेरोधा की वैल्यूएशन $7.7 बिलियन यानी करीब ₹64,800 करोड़ आंकी गई थी। Nikhil Kamath की यह सफलता केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी प्रेरणादायक है।
Nikhil Kamath: 79.60 लाख लोग हैं यूज़र
फरवरी 2025 तक, ज़ेरोधा के यूजर्स की संख्या 79.60 लाख को पार कर चुकी थी। फोर्ब्स के अनुसार, Nikhil Kamath की नेट वर्थ $2.6 बिलियन यानी लगभग ₹22,000 करोड़ है। उनकी सफलता ने उन्हें उस मुकाम पर पहुंचा दिया है, जहां उन्हें नीता अंबानी के स्कूल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पॉडकास्ट तक में बुलाया जाता है।