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Operation Sindoor: भारत एक साथ तीन देशों से लड़ रहा था जंग! जानकर हैरान रह जाएंगे आप, मिली बड़ी सीख

इस्लामाबाद: ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी सीख ये है कि भारत अब जान गया है कि पाकिस्तान के खिलाफ जंग सिर्फ एक देश के साथ नहीं, बल्कि एक साथ तीन देशों के साथ जंग है। भारत के खिलाफ सिर्फ पाकिस्तान अकेला नहीं, बल्कि तुर्की और चीन भी लड़ रहे थे। तुर्की और चीन सिर्फ हथियारों से नहीं, बल्कि उससे भी कहीं ज्यादा पाकिस्तान की मदद कर रहे थे। चीन और तुर्की भी इन्फॉर्मेशन वॉर फैलाने में पाकिस्तान के साथ पूरी तरह से जुटे हुए थे और इंटरनेशनल कम्युनिटी में पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर रहे थे। चीन के समाचार ऑउटलेट्स, जैसे ग्लोबल टाइम्स, शिन्हुआ न्यूज एजेंसी और तुर्की के टीआरटी वर्ल्ड खुलकर पाकिस्तान के पक्ष में प्रोपेगेंडा चला रहा था। इसमें कोई शक नहीं है कि शिन्हुआ और ग्लोबल टाइम्स को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को भोंपू माना जाता है, इसलिए उनकी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता नहीं है, लेकिन तुर्की के टीआरटी वर्ल्ड खुलकर पाकिस्तान का मुखपत्र बन गया था।

इन दोनों देशों की मीडिया में पाकिस्तान की भाषा बोली जा रही थी। बिना सत्यापन के ब्रेकिंग न्यूज और उसके आधार पर एनालिसिस की जा रही थी। पाकिस्तानी सेना के हवाले से खबरें चलाई जा रही थीं, जिसमें बताया जा रहा था कि पाकिस्तानी सेना ने भारत का कितना नुकसान कर दिया है।

भारत के खिलाफ ‘इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर’
युद्ध लड़ना सैनिकों का काम भले ही हो, लेकिन इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर की अलग कहानी होती है। यहां से नैरेटिव बिल्डिंग होता है। भारत आतंकवाद के खिलाफ युद्ध लड़ रहा था लेकिन ये देश उसे पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध बता रहे थे। ये दोनों देश संगठित होकर नकली वीडियो, फेक न्यूज और प्रोपेगेंडा नैरेटिव्स फैला रहे थे। चीनी मीडिया में पुराने युद्ध के वीडियो एडिट करके लगाए जा रहे थे। फर्जी न्यूज चैनल्स के क्लिप और AI वीडियो बनाकर चलाए जा रहे थे। रूस-यूक्रेन युद्ध ने 21वीं सदी में ‘इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर’ की गंभीरता को उजागर किया है। यूक्रेन ने पश्चिमी देशों की मीडिया के साथ मिलकर रूस के खिलाफ साइकोलॉजिकल युद्ध शुरू किया। यूक्रेन युद्ध में पश्चिमी देशों की मीडिया हर दिन 1200 से ज्यादा रूसी सैनिकों को मार रही थी और सिर्फ एक महीने में 36 हजार और एक साल में रूस के करीब 5 लाख सैनिकों को मार डाला।

पश्चिमी देशों की मीडिया ने झूठ फैलाया
पश्चिमी देशों की मीडिया ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कैंसर से पीड़ित बताया, उनका ऑपरेशन करवाया और फिर उन्हें मरा हुआ भी घोषित कर दिया। पश्चिमी देशों की मीडिया, जिसमें CNN, न्यूयॉर्क टाइम्स, वॉशिंगटन पोस्ट भी शामिल थे, उन्होंने लिखा कि पुतिन की मौत के बाद रूस उनके बॉडी डबल का इस्तेमाल कर रहा है। यानि समझ सकते हैं कि पश्चिमी देशों की मीडिया ने कितना और किस स्तर का झूठ बोला होगा। पश्चिमी देशों की मीडिया की माने तो यूक्रेन अभी तक रूस के 15 लाख से ज्यादा सैनिकों को मार चुका है। जबकि यूक्रेन के कितने सैनिक मारे गये हैं, ये आप गूगल सर्च करेंगे तो सिर पीट लेंगे।

भारत के खिलाफ तुर्की और चीन
तुर्की और चीन में पाकिस्तानी सैनिकों के बेतूके दावों को लगातार चलाया जा रहा था, भले ही दावों की कोई पुष्टि ना हुई हो। तुर्की ने पाकिस्तान को अपने झूठे दावों को अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाने का मंच दे दिया था। जैसे ग्लोबल टाइम्स, सीएनएन और तुर्की की मीडिया ने ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने के साथ ही भारतीय लड़ाकू विमानों के गिरने की खबरें चलानी शुरू कर दी। जबकि उसकी कोई पुष्टि नहीं हुई थी। सीएनएन पर चलने वाली खबरों को देखकर ऐसा लग रहा था कि वो पाकिस्तान का न्यूज चैनल हो। चीन में भारतीय दूतावास ने तो ग्लोबल टाइम्स को फर्जी खबरें चलाने के लिए फटकार तक लगाई। चीन और तुर्की में चलाया जा रहा था कि “पाकिस्तान के JF-17 थंडर की हाइपरसोनिक मिसाइलों ने आदमपुर में भारत के S-400 सिस्टम को नष्ट कर दिया है। एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की कीमत करीब 1.5 बिलियन डॉलर है।”

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