Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group
उत्तर प्रदेशराज्य समाचार

यमुना एक्सप्रेस-वे बन रहा उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास की धुरी

यमुना एक्सप्रेस-वे सिर्फ सड़क नहीं विकास कॉरिडोर के रूप में किया गया है विकसित

लखनऊ,

उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में यमुना एक्सप्रेस-वे मात्र एक सड़क नहीं बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीति और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक है। जिस मार्ग को कभी केवल दिल्ली और आगरा को जोड़ने वाले कॉरिडोर के रूप में देखा जाता था, वही आज प्रदेश के औद्योगिक पुनर्जागरण की रीढ़ बन गया है। योगी सरकार ने यमुना एक्सप्रेस-वे को ट्रैफिक सुविधा तक सीमित न रखते हुए इसे निवेश, रोजगार और नियोजित शहरीकरण के सबसे बड़े इंजन के रूप में विकसित किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर आधारित विकास का ऐसा मॉडल अपनाया है, जिसने प्रदेश की छवि बदली है। एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर औद्योगिक क्लस्टर, आधुनिक अर्बन सेंटर्स और लॉजिस्टिक्स हब का विकास इस बात का प्रमाण है कि सरकार की नीति अब केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं बल्कि जमीन पर परिणाम देने वाली साबित हो रही है। यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र आज उस नए उत्तर प्रदेश की पहचान बन रहा है जहां निवेशकों को भरोसा, युवाओं को रोजगार और प्रदेश को आर्थिक मजबूती मिल रही है। प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन दीपक मैनी का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे के आस-आस विकसित हो रहीं परियोजनाएं उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बुलंदी पर पहुँचाने का काम कर रही है। ये प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनामी की ओर ले जाएंगी।

यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के माध्यम से सरकार ने नियोजित विकास का ऐसा मॉडल प्रस्तुत किया है जो उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय और वैश्विक निवेश मानचित्र पर मजबूती के साथ स्थापित करेगा। 3000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला यह औद्योगिक विकास क्षेत्र दो चरणों में विकसित किया जा रहा है। इसमें औद्योगिक, आवासीय, वाणिज्यिक और मिश्रित भूमि उपयोग की स्पष्ट योजना बनाई गई है, जिससे अनियोजित शहरीकरण पर नियंत्रण संभव हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा स्पष्ट रही है कि विकास केवल बड़े शहरों तक सीमित न रहे बल्कि उसका लाभ आसपास के जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंचे। यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे विकसित हो रहा औद्योगिक क्लस्टर इसी सोच का परिणाम हैं। बेहतर सड़क नेटवर्क, बिजली जल निकासी और अन्य आधारभूत सुविधाओं के साथ यह क्षेत्र निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।

दिल्ली आगरा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से मजबूत कनेक्टिविटी ने यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र को लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग के लिए आदर्श बना दिया है। इसके साथ ही जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट इस पूरे क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने जा रहा है। योगी सरकार ने एयरपोर्ट को केंद्र में रखकर औद्योगिक शहरों, लॉजिस्टिक्स हब और रोजगार केंद्रों की एक पूरी श्रृंखला विकसित करने की योजना बनाई है।

यमुना एक्सप्रेस-वे की प्रमुख परियोजनाएं

– जेवर के पास एचसीएल फॉक्सकॉन की ओसैट यूनिट
– ओसैट यूनिट को लेकर भूमि पूजन जनवरी, 2026 में संभावित
– एक हजार एकड़ का सेमीकंडक्टर और ईएमसी पार्क
– मेडिकल डिवाइस पार्क और डेटा सेंटर पार्क का विकास
– विवो, एलजी और हावेल्स जैसी प्रमुख कंपनियों द्वारा फैक्ट्रियों की स्थापना
– वाईईआईडीए को मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब को मंजूरी
– एयरपोर्ट एक्सप्रेस-वे और आरआरटीएस से मजबूत कनेक्टिविटी
– दो सौ से अधिक नई फैक्ट्रियां निर्माणाधीन
– सेमीकंडक्टर पार्क से बड़े स्तर पर रोजगार की संभावना
– लॉजिस्टिक्स और हाई टेक हब के रूप में विकसित हो रहा है
– जेवर एयरपोर्ट और औद्योगिक जोन से रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में नए अवसर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button