Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group
खेल

टेस्ट क्रिकेट में खराब फॉर्म पर घिरे गंभीर, BCCI ने दिग्गज खिलाड़ी से की अनौपचारिक चर्चा

नई दिल्ली 
भारत की टेस्ट टीम को हाल ही में घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की सीरीज में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के भीतर टेस्ट टीम की कोचिंग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। खबर है कि बोर्ड के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने अनौपचारिक रूप से दिग्गज क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण से संपर्क कर यह जानने की कोशिश की कि क्या वह टेस्ट टीम के कोच की भूमिका संभालने में रुचि रखते हैं।

टेस्ट क्रिकेट में गंभीर का रिकॉर्ड चिंता का विषय
गौतम गंभीर का व्हाइट-बॉल कोच के तौर पर रिकॉर्ड प्रभावशाली रहा है। उनके कार्यकाल में भारत ने एक ICC और एक ACC ट्रॉफी जीती है। हालांकि टेस्ट क्रिकेट में तस्वीर अलग नजर आती है। SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) के खिलाफ भारत को 10 टेस्ट मैचों में हार झेलनी पड़ी है, जिसने बोर्ड की चिंता बढ़ा दी है।

लक्ष्मण की दिलचस्पी नहीं
सूत्रों के मुताबिक, वीवीएस लक्ष्मण फिलहाल बेंगलुरु स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ‘हेड ऑफ क्रिकेट’ की भूमिका से संतुष्ट हैं और वह सीनियर टेस्ट टीम की कोचिंग लेने के इच्छुक नहीं हैं। यही वजह है कि BCCI के पास फिलहाल गंभीर का कोई मजबूत विकल्प नहीं दिख रहा।

कॉन्ट्रैक्ट पर दोबारा हो सकता है विचार
गौतम गंभीर का BCCI के साथ करार 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक का है, लेकिन यह पूरी तरह भारत के आगामी T20 वर्ल्ड कप प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। यदि भारत खिताब बरकरार रखता है या फाइनल तक पहुंचता है, तो गंभीर की स्थिति और मजबूत हो सकती है। इसके उलट खराब प्रदर्शन की स्थिति में उनके कॉन्ट्रैक्ट पर पुनर्विचार संभव है।

ड्रेसिंग रूम का माहौल
रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा भारतीय ड्रेसिंग रूम में असमंजस की स्थिति है। कई खिलाड़ी गंभीर के कार्यकाल में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे, जबकि राहुल द्रविड़ के दौर में खिलाड़ियों की भूमिकाएं स्पष्ट थीं और उन्हें लंबा मौका मिलता था। शुभमन गिल का T20 वर्ल्ड कप टीम से बाहर होना भी इसी नीति का उदाहरण माना जा रहा है।

आगे का फैसला IPL के बाद
T20 वर्ल्ड कप के बाद दो महीने का IPL सीजन होगा, जिसके दौरान BCCI के शीर्ष अधिकारी भारत के प्रदर्शन का गहन विश्लेषण करेंगे। इसके बाद यह तय किया जाएगा कि अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग कोच हों या सभी फॉर्मेट के लिए एक ही कोच रखा जाए। आने वाले दो महीने ‘गुरु गंभीर’ के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं, भले ही उन्हें अभी भी BCCI के कुछ प्रभावशाली वर्गों का समर्थन हासिल है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button