पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, परियोजना के लिए रास्ता साफ; अब योजना पकड़ेगी रफ्तार

चंडीगढ़
पंजाब सरकार ने बहुप्रतीक्षित 1,878 करोड़ रुपये की जीरकपुर-पंचकूला बाइपास परियोजना के लिए आखिरकार बड़ा कदम उठा लिया है। वन सचिव ने लंबे समय से लंबित स्टेज-2 वन मंजूरी की सिफारिश करते हुए फाइल को औपचारिक स्वीकृति के लिए वन मंत्री के पास भेज दिया है। इसके बाद परियोजना के अगले चरण में आगे बढ़ने की राह साफ हो गई है।
यह कदम उस समय उठाया गया, जब द ट्रिब्यून ने हाल ही में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित कर पंजाब वन विभाग द्वारा परियोजना (Zirakpur-Panchkula Bypass Project) को लेकर हो रही देरी को उजागर किया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट समिति (CCEA) से आठ महीने पहले मंजूरी मिलने के बावजूद स्टेज-2 क्लीयरेंस अटका हुआ था।
पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि वन मंत्री की मंजूरी मिलते ही फाइल आगे बढ़ा दी जाएगी। इस देरी के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को बोली प्रक्रिया बार-बार टालनी पड़ी और हाल ही में छठी बार इसकी समय-सीमा बढ़ानी पड़ी थी। NHAI अधिकारियों के अनुसार, वन मंत्री की स्वीकृति के बाद फाइल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ भेजी जाएगी, जहां से अंतिम स्टेज-2 वन क्लीयरेंस प्रमाण पत्र जारी होगा।
करीब 19.2 किलोमीटर लंबी छह लेन वाली यह बाइपास परियोजना ट्राइसिटी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें 6.195 किलोमीटर का एलिवेटेड सेक्शन, फ्लाईओवर, अंडरपास, पुल और रेलवे ओवरब्रिज शामिल हैं। यह परियोजना जीरकपुर और पंचकूला में NH-5 और NH-7 पर लगने वाले भारी ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के साथ-साथ प्रस्तावित ट्राइसिटी रिंग रोड का अहम हिस्सा है।



