शिक्षण संस्थानों में आवारा कुत्तों पर रहेगी कड़ी नजर, प्रोफेसर-टीचर्स को सौंपी गई जिम्मेदारी

चंडीगढ़
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने हरियाणा के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को परिसर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से आए आदेशों में कहा गया है कि प्रत्येक विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्कूल में एक प्रोफेसर या शिक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो कुत्तों की निगरानी और जोखिम की स्थिति में स्थानीय प्रशासन या नगर निगम को सूचित करने की जिम्मेदारी निभाएगा।
इसके तहत रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, हिसार, कैथल सहित अन्य जिलों के स्कूलों में खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश भेजे जा चुके हैं। हर स्कूल में नोडल अधिकारी का नाम, पद और मोबाइल नंबर परिसर में प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है। साथ ही इस कार्य की रिपोर्ट शुक्रवार तक मांगे जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
हसला ने जताई नाराजगी
हालांकि, इस आदेश के बाद शिक्षक संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (HASLA) के राज्य प्रधान सतपाल सिंधु ने कहा कि शिक्षक पहले ही शिक्षण कार्य के अतिरिक्त 20 से अधिक गैर-शैक्षणिक जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। अब कुत्तों की निगरानी जैसी व्यवस्थाएं सौंपना बिल्कुल अनुचित है।
आदेश तुरंत रद्द किए जाऐं
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मूल भूमिका विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, न कि पशु नियंत्रण से जुड़े कार्य करना। आवारा पशुओं व कुत्तों को नियंत्रित करना नगर निगम, पशुपालन विभाग और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है, इसे शिक्षकों पर थोपना शैक्षणिक माहौल को प्रभावित करेगा। शिक्षक संगठनों ने मांग की है कि यह आदेश तुरंत रद्द किया जाए और आवारा कुत्तों के प्रबंधन का दायित्व संबंधित विभागों को ही सौंपा जाए।



