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मध्य प्रदेशराज्य समाचार

हाईकोर्ट एससी-एसटी के बच्चों को सिविल जज नहीं बनने दे रहा: IAS संतोष वर्मा का विवादित बयान ब्राह्मण बेटियों पर टिप्पणी के बाद

भोपाल 
 विवादों में घिरे IAS अफसर संतोष वर्मा एक बार फिर सुर्खियों में हैं. सोशल मीडिया में उनका एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे सीधे हाईकोर्ट पर गंभीर आरोप लगाते दिख रहे हैं. ब्राह्मण बेटियों पर दिए बयान से मचे हंगामे के बाद अब उनका नया बयान पूरे प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा रहा है.

वायरल वीडियो में संतोष वर्मा यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि “हाईकोर्ट SC-ST बच्चों को सिविल जज नहीं बनने दे रहा.उन्होंने दावा किया कि सिविल जज भर्ती में 50% कटऑफ होने के बावजूद SC-ST उम्मीदवारों को 49.95 तक नंबर देकर बाहर किया जा रहा है. वर्मा ने आगे कहा कि इंटरव्यू में भी SC-ST उम्मीदवारों को पूरा 20 नहीं बल्कि सिर्फ 19.5 नंबर दिए जाते हैं. उनका सवाल था कि हमारा बच्चा IAS-IPS बन सकता है, पर सिविल जज क्यों नहीं? संतोष वर्मा यही नहीं रुके. उन्होंने दावा किया कि हाईकोर्ट ही रोक रहा है SC-ST को आगे बढ़ने से.” यह बयान सामने आते ही विवाद और गहरा गया है.

उनके पहले वीडियो में ब्राह्मण बेटियों को लेकर दिए गए कमेंट ने पहले ही माहौल गर्म कर दिया था, और अब हाईकोर्ट पर सीधी टिप्पणी ने तनाव और बढ़ा दिया है. दूसरा वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया में उनकी बातें आग की तरह फैल गईं. लोग इसे “संविधान, न्यायपालिका और समाज को बांटने वाला बयान” बताते हुए सवाल उठा रहे हैं. वहीं कुछ लोग उनके दावों की जांच की मांग कर रहे हैं.

हमारा बच्चा IAS-IPS बन सकता है, पर सिविल जज नहीं

दरअसल IAS संतोष वर्मा ने एक कार्यक्रम में कहा कि- एससी/एसटी (SC-ST) बच्चों को हाईकोर्ट सिविल जज नहीं बनने दे रहा है। IAS वर्मा के बयान पर सोशल मीडिया में हंगामा मच गया है। उन्होंने कहा- 50% कटऑफ, लेकिन SC-ST को दिए जा रहे 49.95 नंबर। “इंटरव्यू में 20 नहीं… 19.5 नंबर दिए जाते हैं”। “हमारा बच्चा IAS-IPS बन सकता है, पर सिविल जज नहीं?” IAS संतोष वर्मा का बड़ा दावा है कि -“हाईकोर्ट ही SC-ST को रोक रहा है”। ज्यूडिशरी में हमारा ‘बीज’ खत्म किया जा रहा है।

संतोष वर्मा ने आगे कहा कि आपने तय कर लिया कि 50 पर्सेंट कटऑफ करके छात्र को 49.95 प्रतिशत देना है,50 नहीं देना है। आपने इंटरव्यू में भी तय कर दिया कि 20 की जगह 19 नंबर ही देना है, ऐसे में कौन सिविल जज बना देगा हमारे बच्चों को? ये कौन सा आरक्षण है, कौन सा नियम है? ये कौन कर रहा है? ये हमारा हाईकोर्ट कर रहा है, जिससे न्याय की उम्मीद होती है, बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान के हिसाब से चलने की गारंटी मानते हैं। ये वहीं से हो रहा है।

बता दें कि एक दिन पहले कार्यक्रम में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की तारीफ में आईएएस संतोष वर्मा ने कहा था कि तुम कितने संतोष वर्मा मारोगे हर घर से संतोष वर्मा निकलेगा। इसपर पर सपाक्स की महिला विंग ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर ऐसा है तो हर घर से चंडी निकलेगी जिसे तुम रोक नहीं पाओगे।

IAS संतोष वर्मा के विवादित बयान से महिला विंग में आक्रोश

IAS संतोष वर्मा के विवादित बयान के बाद ब्राह्मण महिला विंग में आक्रोश जारी है. महिला विंग ने चेतावनी दी है कि अगर संतोष वर्मा पर कार्रवाई नहीं हुई तो हर घर से महिलाएं दुर्गा काली बनकर ऐसे लोगों को सबक सिखाएंगी. ब्राह्मण महिला विंग न्यायालय की शरण लेगी और संतोष वर्मा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग करेगी. उन्होंने कहा कि महिलाएं केवल घर नहीं संभाल रही हैं बल्कि वकील, डॉक्टर, और पुलिसकर्मी के कर्तव्यों का निर्वहन भी कर रही हैं. महिला विंग का मानना है कि संतोष वर्मा को ऊपर से संरक्षण प्राप्त है.

आईएएस संतोष वर्मा का एक और वीडियो वायरल

विवादित आईएएस संतोष वर्मा का एक और वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट पर सीधी टिप्पणी की है. वर्मा का आरोप है कि SC-ST बच्चों को सिविल जज बनने से रोका जा रहा है. पहले ब्राह्मण बेटियों पर बयान दिया था और अब हाईकोर्ट को लेकर विवादित बयान दिया है. उनका बयान सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है. वर्मा ने कहा कि 50% कटऑफ है, लेकिन SC-ST को 49.95 नंबर दिए जा रहे हैं. इंटरव्यू में 20 नहीं, बल्कि 19.5 नंबर दिए जाते हैं. वर्मा का दावा है कि हाईकोर्ट ही SC-ST को रोक रहा है.

IAS संतोष वर्मा के विवादित बयान से गरमाया ब्राह्मण समाज

IAS संतोष वर्मा के लगातार विवादित बयानों से ब्राह्मण संगठनों में रोष है. 65 ब्राह्मण संगठन आज अपनी आगामी रणनीति पर चर्चा के लिए बैठक करेंगे. इन संगठनों का उद्देश्य एक मंच पर साथ आकर सीएम निवास का घेराव और आगामी प्रदर्शन की रणनीति तय करना है. संतोष वर्मा ने ब्राह्मण समाज की बेटियों पर विवादास्पद बयान दिया था, जिसके बाद दूसरा वीडियो भी सामने आया है.

हर घर से निकलेगा एक संतोष वर्मा

दूसरा वीडियो सामने आते ही विवाद बढ़ गया है। संतोष वर्मा भड़काऊ बयान लगातार दे रहे। अफसर का विवादित बयान… “कितने संतोष वर्मा को मारोगे?” “हर घर से निकलेगा एक संतोष वर्मा”। ब्राह्मण बेटियों वाले बयान के बाद उसकी मुश्किलें बढ़ी है। ब्राम्हण समाज का विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने का क्रम जारी है। समाज द्वारा उन्हें नौकरी से बार्खस्त करने की मांग की जा रही है। 

जानबूझकर एग्जाम में 49.95, इंटरव्यू में 19.5 नंबर वर्मा यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि आपने कट ऑफ मार्क्स रख दिया है 50 प्रतिशत और आपने तय कर लिया कि इसे 49.95 नंबर देना है। 50 नंबर नहीं देना है। आपने देख लिया कि इंटरव्यू में 20 नंबर नहीं देना है। इसे 19.5 नंबर देना है। …तो कौन सिविल जज बना देगा, हमारे बच्चों को? ये कौन सा आरक्षण है…ये कौन सा नियम है। ये कौन कर रहा है…? यह हमारा हाईकोर्ट कर रहा है, जिससे हम न्याय की उम्मीद करते हैं, जिससे हम बाबा साहब के संविधान के हिसाब से चलने की गारंटी मांगते हैं। यह वहीं से हो रहा है।

मेरा सिर्फ आपको यह कहना है कि जिस तरह से जूडिशरी से, न्यायपालिका से आपका बीज समाप्त किया जा रहा है। बीज समझते हो न आप, जब हमारा बेटा सिविल जज बनेगा, तभी तो हाईकोर्ट का जज बनेगा। जब हमारा बीज ही खत्म कर दिया तो न्याय की उम्मीद किससे करोगे। इसलिए मैं कह रहा था कि ये हमारी आखिरी पीढ़ी है। इससे लड़ने का दायित्व हमारा है। हम ही इससे लड़ सकते हैं।

प्रांतीय सम्मेलन में वर्मा ने दिया था विवादित बयान भोपाल के अंबेडकर मैदान में 23 नवंबर को अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) का प्रांतीय सम्मेलन था, जिसमें आईएएस संतोष वर्मा को संघ का अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद वर्मा ने कहा था कि जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।

इतना ही नहीं, मंगलवार को वर्मा का दूसरा वीडियो सामने आया, जिसमें वे कहते दिख रहे हैं कि कितने संतोष वर्मा को तुम मारोगे, कितने को जलाओगे, कितने को निगल जाओगे। अब हर घर से एक संतोष वर्मा निकलेगा और जब हर घर से निकलेगा तो आपके पास इतनी ताकत नहीं कि आप हर संतोष वर्मा को जला सको।

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