Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group
पंजाब/हरियाणाराज्य समाचार

चंडीगढ़ नगर निगम ने बकाया प्रॉपर्टी टैक्स पर सख्ती, 20 हजार से अधिक डिफॉल्टर्स को नोटिस और पानी कनेक्शन काटने के आदेश

चंडीगढ़ 

चंडीगढ़ नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। निगम ने प्राइवेट प्रॉपर्टी मालिकों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए 20,000 रुपये से अधिक टैक्स बकाया वाले डिफॉल्टरों को प्रॉपर्टी अटैचमेंट नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।

नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि पहले 50,000 रुपये और 30,000 रुपये से अधिक बकाया वाले टैक्स डिफॉल्टरों को नोटिस जारी किए गए थे। अब तीसरी श्रेणी में 20,000 रुपये से अधिक बकाया वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।

पानी के कनेक्शन पर भी सख्ती

नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित समय में टैक्स जमा न कराने पर प्रॉपर्टी के पानी के कनेक्शन काटने के आदेश दिए जाएंगे। इसके साथ ही, जरूरत पड़ने पर प्रॉपर्टी को सीज या बेचने का भी अधिकार निगम के पास है। पंजाब म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1994 के तहत यह कार्रवाई वैध है।

कॉर्पोरेशन कमिश्नर अमित कुमार ने सभी स्तर के टैक्स डिफॉल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में नगर निगम पर कुल ₹170 करोड़ से अधिक का बकाया है, जिसमें से करीब ₹100 करोड़ मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं।

इस साल टैक्स कलेक्शन में रिकॉर्ड

इस वित्तीय वर्ष में अब तक नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में लगभग ₹82 करोड़ वसूल किए हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में सबसे अधिक है। पिछले पूरे वित्तीय वर्ष में केवल ₹59 करोड़ का कलेक्शन हुआ था। अधिकारियों का मानना है कि वर्ष के अंत तक यह राशि ₹100 करोड़ को पार कर सकती है।

पानी कनेक्शन काटने के आदेश

टैक्स न भरने वाले प्रॉपर्टी मालिकों का पानी का कनेक्शन काटने के आदेश तक जारी किए गए हैं। निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि निर्धारित समय में टैक्स जमा नहीं किया गया, तो संबंधित प्रॉपर्टी को अटैच किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर उसकी बिक्री तक की कार्रवाई भी की जाएगी। पंजाब म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट 1994 नगर निगम को प्रापर्टी अटैच करने तथा बेचने दोनों का अधिकार देता है।

निगम कमिश्नर अमित कुमार ने सभी तरह के टैक्स डिफाल्टरों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश जारी किए हैं। वर्तमान में नगर निगम के पास टैक्स डिफाल्टरों का कुल बकाया 170 करोड़ रुपए से अधिक है, जिसमें से करीब 100 करोड़ रुपए के मामले अदालतों में लंबित हैं।

100 करोड़ पार होने की उम्मीद

नगर निगम ने इस वर्ष अब तक करीब 82 करोड़ रुपए प्रापर्टी टैक्स की वसूली कर ली है, जो अब तक की सबसे अधिक वसूली मानी जा रही है। पिछले पूरे वित्त वर्ष में केवल 59 करोड़ रुपए टैक्स जमा हुआ था, लेकिन इस बार सख्ती और लगातार कार्रवाई के चलते रिकॉर्ड वसूली हुई है।

अभी वित्त वर्ष के लगभग पांच महीने शेष हैं, ऐसे में निगम अधिकारियों का कहना है कि टैक्स वसूली 100 करोड़ रुपए से अधिक पहुंचने की पूरी संभावना है।

करोड़ों का टैक्स अब भी लंबित

नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार सबसे बड़ा बकाये दार पंजाब यूनिवर्सिटी है, जिस पर करीब 60 करोड़ रुपए प्रापर्टी टैक्स बकाया चल रहा है। इसके बाद आईटी पार्क का नाम आता है, जिस पर लगभग 45 करोड़ रुपए का बकाया है। पीजीआई पर 23 करोड़ रुपए की देनदारी थी, जिसमें से हाल ही में 11 करोड़ रुपए निगम को जमा करवाए गए हैं।

इसी तरह यूटी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट पर 16 करोड़ रुपए, गोल्फ क्लब पर 12 करोड़ रुपए और पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC) पर 10 करोड़ रुपए का प्रापर्टी टैक्स बकाया दर्ज है। रेलवे स्टेशन ने अपनी देनदारी में से 2.98 करोड़ रुपए हाल ही में जमा करवा दिए हैं।

पुराने बड़े डिफाल्टरों से हो रही वसूली

नगर निगम नए टैक्स डिफाल्टरों पर कार्रवाई के साथ-साथ पुराने बड़े बकायेदारों से भी एरियर की वसूली तेज कर चुका है। पीजीआई ने अपनी लंबित देनदारी में से 11 करोड़ रुपए एरियर के तौर पर निगम को जमा कराए हैं, जबकि रेलवे विभाग ने भी 3 करोड़ रुपए की राशि अदा कर दी है।

अधिकारियों का कहना है कि वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम के तहत भी अधिकांश मामलों के निपटने की संभावना है, जिससे निगम की एरियर रिकवरी और अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

बड़े डिफॉल्टर और रिकवरी की कोशिशें

नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार सबसे बड़ा डिफॉल्टर पंजाब यूनिवर्सिटी है, जिस पर लगभग ₹60 करोड़ का बकाया है। इसके बाद IT पार्क (₹45 करोड़), PGI (23 करोड़, जिसमें ₹11 करोड़ हाल ही में जमा हुए), UT इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (₹16 करोड़), गोल्फ क्लब (₹12 करोड़) और Panjab Engineering College (PEC) (10 करोड़) शामिल हैं। हाल ही में रेलवे स्टेशन ने ₹2.98 करोड़ जमा किए हैं।

पुराने बड़े डिफॉल्टरों से वसूली को भी जोर दिया जा रहा है। PGI ने ₹11 करोड़ का भुगतान किया है, जबकि रेलवे विभाग ने ₹3 करोड़ जमा किए हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश मामलों का निपटारा वन टाइम सेटलमेंट (OTS) स्कीम के माध्यम से होने की उम्मीद है। नगर निगम की यह सख्ती प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने और बकाया राशि वसूलने के उद्देश्य से की गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button