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पंजाब/हरियाणाराज्य समाचार

दिल्ली–गुरुग्राम सफर होगा सिग्नल-फ्री, AIIMS–धौलाकुआं जाम से राहत; DPR तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार

गुरुग्राम 
दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यात्रा को आसान बनाने की दिशा में केंद्र सरकार एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर तेजी से आगे बढ़ रही है. एम्स से गुरुग्राम होते हुए महिपालपुर मार्ग पर प्रस्तावित लगभग 30 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने की जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंसल्टेंट कंपनी आरसीटी को सौंपी गई है. कंपनी डेढ़ से दो महीने के भीतर रिपोर्ट सौंप देगी, जिसके आधार पर तय होगा कि मार्ग का कौन-सा हिस्सा भूमिगत रहेगा और कहां एलिवेटेड स्ट्रक्चर बनाया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद एम्स से गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड की दूरी महज 25 से 30 मिनट में तय हो सकेगी. वर्तमान में यही दूरी तय करने में दो घंटे तक लग जाते हैं, जबकि एम्स से गुरुग्राम के सिरहौल बॉर्डर तक जाने में ही डेढ़ घंटे का समय लगता है. नई सड़क से न सिर्फ ट्रैफिक दबाव कम होगा, बल्कि दिल्ली-गुरुग्राम के बीच मौजूदा मार्गों पर भी भीड़ का बोझ घटेगा.

फरीदाबाद रोड से होगा कनेक्शन
एक्सप्रेसवे को गुरुग्राम में गांव घाटा के पास गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से जोड़ा जाएगा. इससे दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद- तीनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी. यही नहीं, नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद और मुरादाबाद वालों को भी इससे फायदा होगा.

मेरठ से गुरुग्राम सिग्नल फ्री
वहीं, मेरठ से सराय काले खां तक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से आसानी से पहुंच सकते हैं. इसके बाद एक्सप्रेसवे के समाप्त होने वाली जगह से लेफ्ट लेकर करीब 2 किलोमीटर बाद डीएनडी फ्लाइओवर पर जाएंगे और बिना रेड लाइट एम्स पहुंचेंगे. यहां से गु्रुग्राम के लिए बनने वाले नए एलिडवेटेड रोड की मदद से लोग बिना किसी रुकावट और सिग्नल के गुरुग्राम पहुंच जाएंगे. इस तरह इससे नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, मेरठ के लोगों को भी फायदा होगा.

5 हजार करोड़ का मेगा प्रोजेक्ट
प्रारंभिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट में परियोजना को व्यवहार्य पाया गया है, जिसके बाद एनएचएआई ने औपचारिक रूप से डीपीआर तैयार करने का काम सौंप दिया है. इस बड़े प्रोजेक्ट पर लगभग 5,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. डीपीआर पूरी होते ही निर्माण कार्य को मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज कर दी जाएगी. उम्मीद है कि यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर में यात्रा को आसान बनाते हुए ट्रैफिक प्रबंधन में गेम-चेंजर साबित होगा. यह नई सड़क जहां आम यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगी, वहीं स्वास्थ्य, बिजनेस और आपातकालीन सेवाओं की मूवमेंट को भी नई गति मिलेगी. सरकार की यह पहल दिल्ली-गुरुग्राम की कनेक्टिविटी को भविष्य के लिए और भी आरामदायक बनाएगा.

 

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