अजय साह का आरोप: झारखंड में चौतरफा लूट, सरकार स्कूली बच्चों तक को नहीं बख़श रही

रांची
झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग पर गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। साह ने आज यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झारखंड में चौतरफा लूट खसोट मचा हुआ है। यह सरकार स्कूली बच्चों को भी लूट रही है। साह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में शिक्षा विभाग और एमकेएस एंटरप्राइज़ के गठजोड़ के चलते आधार कार्ड निर्माण से जुड़ा लगभग 75 करोड़ रुपये का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। साह ने बताया कि मार्च 2023 में स्कूली बच्चों के नए आधार एनरोलमेंट और बायोमेट्रिक अपडेट के लिए जेईपीसी-जो शिक्षा विभाग के अधीन कार्य करता है-द्वारा एजेंसी चयन के लिए टेंडर जारी किया गया, जिसमें एमकेएस एंटरप्राइज को नियुक्त किया गया।
साह ने कहा कि टेंडर की मूल प्रति, एजेंसी को जारी वर्क ऑडर्र, जेईपीसी निदेशक के तीन आधिकारिक पत्र और आरटीआई से प्राप्त सूचनाएं स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि छात्रों से आधार एनरोलमेंट या बायोमेट्रिक अपडेट के लिए किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जानी थी। प्रति छात्र 50 रुपये का भुगतान भारत सरकार द्वारा जेपीईसी को किया जाना था, जिसे आगे एजेंसी को दिया जाना था, लेकिन इसके विपरीत, अजय साह ने डिजिटल लेन-देन के दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि जेपीईसी के संरक्षण में एमकेएस एंटरप्राइज ने पिछले दो वर्षों में स्कूलों में व्यापक अवैध वसूली की। उन्होंने बताया कि 250 ब्लॉक रिसोर्स सेंटर्स में प्रतिदिन औसतन 2,000 रुपये की उगाही होती रही और इसी आधार पर करीब 36 करोड़ रुपये छात्रों से गैरकानूनी रूप से वसूले गए। इतना ही नहीं, आधार एनरोलमेंट के नाम पर केंद्र सरकार से भी लगभग इतनी ही राशि ली गई। इसके अलावा एजेंसी ने राज्यभर के लगभग 500 'आधार सुपरवाइज़र' से ‘सिक्योरिटी मनी' के नाम पर करीब 2.5 करोड़ रुपये की और वसूली की। इन सभी आंकड़ों को जोड़ने पर घोटाले की कुल राशि लगभग 75 करोड़ रुपये तक पहुंचती है।
साह ने आरोप लगाया है कि जेईपीसी और एजेंसी की मिलीभगत सिर्फ अवैध वसूली तक सीमित नहीं रही, बल्कि आधार सुपरवाइजर का खुला शोषण भी हुआ। नौकरी देने के नाम पर पहले 50-50 हजार रुपये वसूले गए और जब सुपरवाइजर ने अपनी बकाया सैलरी की मांग की तो उन पर उल्टा लाखों रुपये का जुर्माना थोपकर उन्हें धमकाया गया। उन्होंने कहा कि एमकेएस एंटरप्राइज़ बिहार और बंगाल में भी फर्जी आधार कार्ड बनाने की गतिविधियों में शामिल है और इसकी गहन जांच आवश्यक है। इसके अलावा यह मामला करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से भी जुड़ा हुआ है, जिसकी जांच अपरिहार्य है। भाजपा ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच, जेईपीसी की भूमिका की स्वतंत्र जांच और एमकेएस एंटरप्राइज को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है। संवाददाता सम्मेलन में युवा मोर्चा मीडिया प्रभारी प्रिंस कुमार उपस्थित थे।



