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पंजाब/हरियाणाराज्य समाचार

पंजाब में साइबर क्राइम पर करारा प्रहार: 150 से ज़्यादा म्यूल अकाउंट बेनकाब, लुधियाना में FIR

लुधियाना 

पंजाब पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। राज्य में 150 से ज़्यादा एक्टिव "म्यूल अकाउंट" का पता लगाया है। इन खातों का इस्तेमाल साइबर अपराधी ऑनलाइन धोखाधड़ी से लूटे गए पैसे को प्राप्त करने और ट्रांसफर करने के लिए करते थे। ये खाते ज्यादातर लुधियाना में पाए गए है। जिसके बाद राज्य साइबर सेल ने लुधियाना कमिश्नरेट के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है। लुधियाना पुलिस खाते के विवरण की जांच में जुटी मास्टरमाइंड की तलाश में पुलिस अब जानिए… क्या होते हैं म्यूल अकाउंट? 

इन खातों का इस्तेमाल साइबर अपराधी ऑनलाइन धोखाधड़ी से लूटे गए पैसे को प्राप्त करने और ट्रांसफर करने के लिए करते थे। ये खाते ज्यादातर लुधियाना में पाए गए है। जिसके बाद राज्य साइबर सेल ने लुधियाना कमिश्नरेट के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है।

लुधियाना पुलिस खाते के विवरण की जांच में जुटी

    वरिष्ठ अधिकारियों को आशंका है कि ये खाते न केवल साइबर धोखेबाजों की मदद कर सकते हैं, बल्कि संगठित अपराध समूहों द्वारा भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इससे कानून और व्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
    राज्य साइबर क्राइम सेल से मिली जानकारी के आधार पर लुधियाना पुलिस ने खाते के विवरण की जांच और इसमें शामिल व्यक्तियों का पता लगाना शुरू कर दिया है। पुलिस के एस सीनियर अधिकारी ने पुष्टि की कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318 (4) (धोखाधड़ी) और 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत FIR दर्ज की गई है।

मास्टरमाइंड की तलाश में पुलिस

    उन्होंने कहा कि हमें 150 से ज़्यादा म्यूल अकाउंट के बारे में जानकारी मिली है। हमारी टीमें अब यह पता लगाने के लिए हर विवरण की जांच कर रही हैं कि उन्हें किसने बनाया और कौन उन्हें चला रहा है। अब धोखाधड़ी वाले खातों के नेटवर्क के पीछे के मास्टरमाइंड की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।

    पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इन खातों का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों या अवैध नकद लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया था। जबकि म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल आमतौर पर साइबर धोखाधड़ी से प्राप्त आय को रूट करने के लिए किया जाता है।

    इससे पहले अगस्त महीने में साइबर विंग ने चार लोगों -गौतम (23),एहसास (24),आकाश (20) सभी अमृतसर निवासी और अनमोल (21) निवासी अबोहर को फाजिल्का से गिरफ्तार किया था। जो कथित तौर पर लगभग दो वर्षों से इसी तरह का रैकेट चला रहे थे।

    पुलिस ने उनसे 10.96 लाख रुपए, 9 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 32 डेबिट कार्ड, 10 सिम कार्ड, 15 बैंक पासबुक और एक चेक बुक बरामद की थी। जांच से पता चला कि गिरोह ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों से मामूली भुगतान पर बैंक खाते हासिल किए थे। फिर उनका इस्तेमाल साइबर अपराधों के माध्यम से चुराए गए पैसे को लेयर करने के लिए किया।

    अवैध धन को बाद में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के माध्यम से विदेश भेजा गया। आरोपी दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित विदेशी हैंडलर्स द्वारा चलाए जा रहे कई टेलीग्राम ग्रुपों पर भी सक्रिय पाए गए।

अब जानिए… क्या होते हैं म्यूल अकाउंट?

    म्यूल अकाउंट बैंक खाते होते हैं जिनका इस्तेमाल अपराधी अवैध धन को लॉन्ड्रिंग या स्थानांतरित करने के लिए करते हैं। इन्हें उन व्यक्तियों द्वारा संचालित किया जा सकता है जिन्हें नौकरी के घोटालों, ऑनलाइन ऑफ़र या सोशल मीडिया संदेशों के माध्यम से "मनी म्यूल" बनने के लिए बहलाया-फुसलाया जाता है।

    इसमें पैसा प्राप्त करने और स्थानांतरित करने के लिए कमीशन का वादा किया जाता है। इस तरह के खाते धोखेबाजों को चोरी किए गए धन के स्रोतों को छिपाने में मदद करते हैं और अक्सर फ़िशिंग घोटालों, ऑनलाइन धोखाधड़ी और अन्य वित्तीय अपराधों से जुड़े होते हैं।

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