Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group
मध्य प्रदेशराज्य समाचार

टाइपिंग गलती ने दिलाई एक साल की सजा: हाईकोर्ट ने कलेक्टर पर 2 लाख रुपये जुर्माना लगाया

जबलपुर

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के 26 वर्षीय सुशांत बैस ने कहा कि एक लिपिकीय त्रुटि के कारण मुझे एक साल से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत उनकी गलत हिरासत इस बात का एक स्पष्ट उदाहरण बन गई है कि कैसे एक नौकरशाही का जाल किसी की ज़िंदगी को उलट-पुलट कर सकता है।

सुशांत को पिछले साल चार सितंबर को गिरफ़्तार किया गया था और इस साल नौ सितंबर को हाई कोर्ट द्वारा उनकी रिहाई के आदेश के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। हाई कोर्ट ने ज़िला कलेक्टर को अवमानना ​​का नोटिस जारी किया और उन्हें सुशांत को दो लाख रुपये का मुआवज़ा देने का निर्देश दिया। लेकिन यह राहत उनके लिए कोई सांत्वना नहीं है।

पत्नी अकेले संघर्ष कर रही थी
26 वर्षीय सुशांत का कहना है कि एक साल तक चली इस यातना ने उनके दिल पर गहरे जख्म छोड़ दिए हैं। मेरी बेटी अनाया का जन्म 13 मार्च को हुआ था। मैंने उसे पहली बार घर लौटने के बाद ही देखा था। उन्होंने यह याद करते हुए कि कैसे उनकी पत्नी अकेले संघर्ष कर रही थीं और उनके माता-पिता ने एक ऐसा मुकदमा लड़ने के लिए पैसे उधार लिए थे जिसे वे समझ नहीं पा रहे थे।

अनाया ने अपने पहले कदम तब रखे जब मैं जेल में था। कोई व्यवस्था, कोई पैसा मुझे वह समय वापस नहीं दिला सकता। अपनी गिरफ्तारी से बमुश्किल कुछ महीने पहले ही शादी करने वाले सुशांत कहते हैं कि इस यातना ने उनके दिल पर गहरे जख्म छोड़ दिए हैं। अब, इस गलत तरीके से कैद किए जाने के कारण मेरी नौकरी की संभावना भी खत्म हो गई हैं।

कोर्ट ने अपनाया गंभीर रूख
सुशांत को जेल में डालने वाला कोई अपराध नहीं था, बल्कि अधिकारियों ने शुरुआत में इसे एक नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया के दौरान टाइपिंग की गलती बताकर टाल दिया था। शहडोल के ज़िला कलेक्टर केदार सिंह ने एक एनएसए निरोध आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें वास्तविक अभियुक्त नीरजकांत द्विवेदी के बजाय सुशांत का नाम था। न्यायालय ने युवक को हुई मानसिक प्रताड़ना पर गंभीर रुख़ अपनाया।

न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति अवनींद्र कुमार सिंह की युगलपीठ ने राज्य सरकार की भी खिंचाई की और कहा कि वह निरोध आदेश को मंज़ूरी देने से पहले उसकी जांच-पड़ताल करने में विफल रही।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button