डॉ. संजय निषाद का बड़ा बयान: “पूरा विधानसभा निषादमय हो जाए”, भाजपा सहयोगियों पर भी साधा निशाना

लखनऊ। कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद ने गोरखपुर दौरे के दौरान एनेक्सी भवन सभागार में प्रेस वार्ता कर कई अहम बयान दिए। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी की नींव गोरखपुर से रखी गई है, लेकिन कुछ नेता लगातार पार्टी और उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने साफ कहा कि आरक्षण पर फैसला भाजपा को लेना है, क्योंकि केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, और निषाद पार्टी उसका सहयोगी दल है। इस मुद्दे पर सरकार स्तर पर सकारात्मक पहल हो रही है, लेकिन कुछ तथाकथित निषाद नेता समाज को गुमराह कर रहे हैं।
प्रेस वार्ता में डॉ. निषाद ने कहा कि “हमारा रिश्ता त्रेता युग से प्रभु श्रीराम के साथ रहा है और हम उसी आदर्श को आगे बढ़ा रहे हैं।” उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि कुछ “इंपोर्टेड नेता” निषाद समाज को टिकट दिलाने की बात कर रहे हैं। “हम तो चाहते हैं कि पूरा विधानसभा निषादमय हो जाए और 403 में से 403 विधायक निषाद समाज से हों,” उन्होंने कहा।
सहयोगी दलों के संबंधों पर बोलते हुए डॉ. निषाद ने कहा कि भाजपा यदि अपने सहयोगी दलों पर भरोसा करती है, तो रिश्ता मजबूत रहेगा, अन्यथा स्पष्ट रूप से गठबंधन समाप्त करने की बात कहनी चाहिए। उन्होंने कहा, “गोरखपुर में हर वक्त कोशिश रहती है कि हमें नीचे गिराया जाए। भाजपा नेतृत्व को सीधे बोलना चाहिए, न कि छोटे नेताओं से बयान दिलवाना।”
उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी मछुआ समाज को भाजपा से जोड़ने वाली कड़ी है, जैसे रालोद जाट समाज और अपना दल पटेल समाज को जोड़ता है। 2018 की जीत सभी सहयोगी दलों के सामूहिक प्रयास का परिणाम थी। अंत में उन्होंने चुनौती दी कि जो निषाद समाज के लिए वास्तव में संघर्ष कर रहे हैं, वे आरक्षण के मुद्दे पर विधानसभा का घेराव करें — “मैं उनके साथ और पीछे चलने को तैयार हूं,” उन्होंने कहा।