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छत्तीसगढ़

DMF में अनियमितताओं की जांच, कलेक्टर अजीत बसंत की भूमिका होगी जांच के दायरे में

रायपुर। जिला खनिज न्यास (DMF) में कथित अनियमितताओं को लेकर कोरबा कलेक्टर अजीत कुमार वसंत की भूमिका अब जांच के दायरे में है। सामान्य प्रशासन विभाग ने बिलासपुर कमिश्नर सुनील जैन को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले की पूरी जांच करें। यह कार्रवाई पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की शिकायत के बाद की गई है, जिसमें उन्होंने कलेक्टर पर 14 बिंदुओं में गंभीर प्रशासनिक गड़बड़ियों और जनविरोधी कार्यशैली के आरोप लगाए हैं।

पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने आरोप लगाया कि कलेक्टर की कार्यप्रणाली से जिले में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है और जनता के हित की अनदेखी की जा रही है। कंवर ने सरकार पर भी सवाल उठाए और कहा कि उन्हें जांच प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है। इसके चलते उन्होंने चार अक्टूबर से रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना देने की घोषणा की थी। शुक्रवार को वे अपने समर्थकों के साथ धरना स्थल के लिए रवाना हुए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पहले ही बिलासपुर कमिश्नर से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांग ली है। अब पूरे राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों की नजर इस जांच पर टिकी हुई है। यह जांच न केवल कलेक्टर की भूमिका को स्पष्ट करेगी, बल्कि जिले में DMF संसाधनों के प्रबंधन और पारदर्शिता को लेकर भी दिशा तय करेगी।

राजनीतिक दृष्टिकोण से यह मामला काफी संवेदनशील है, क्योंकि ननकीराम कंवर अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर होकर कलेक्टर की हटाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में जांच के नतीजे जिले में प्रशासनिक कार्यशैली और भविष्य की नीतियों पर असर डाल सकते हैं।

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