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पंचांग: शनि प्रदोष व्रत और त्रिपुष्कर योग का संगम, भक्तों पर बरसेगी शनि देव की कृपा

आज 04 अक्टूबर, 2025 शनिवार, के दिन आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि है. भगवान विष्णु के द्वारा इस तिथि का नियंत्रण होता है. नई योजना बनाने और रणनीति विकसित करने, धन दान करने और उपवास करने के लिए अच्छा दिन माना जाता है. आज पापांकुशा एकादशी का पारण है. आज शनि त्रयोदशी और शनि प्रदोष व्रत भी है. आज त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है.

4 अक्टूबर का पंचांग :

विक्रम संवत : 2081
मास : आश्विन
पक्ष : शुक्ल पक्ष द्वादशी
दिन : शनिवार
तिथि : शुक्ल पक्ष द्वादशी
योग : शूल
नक्षत्र : धनिष्ठा
करण : बव
चंद्र राशि : कुंभ
सूर्य राशि : कन्या
सूर्योदय : सुबह 06:31 बजे
सूर्यास्त : शाम 06:24 बजे
चंद्रोदय : शाम 04.21 बजे
चंद्रास्त : तड़के 04.03 बजे
राहुकाल : 09:30 से 10:59
यमगंड : 13:57 से 15:26

आध्यात्मिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ है नक्षत्र
आज के दिन चंद्रमा कुंभ राशि और धनिष्ठा नक्षत्र में रहेंगे. मकर राशि में इस नक्षत्र का विस्तार 23:20 से लेकर कुंभ राशि में 6:40 तक फैला है. इसके देवता अष्टवसु हैं और इस नक्षत्र पर मंगल का शासन है. यह नक्षत्र यात्रा करने, मित्रों से मिलने और आध्यात्मिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ है.

आज के दिन का वर्जित समय
आज के दिन 09:30 से 10:59 बजे तक राहुकाल रहेगा. ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा. इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् से भी परहेज करना चाहिए.

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