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देश

विजयादशमी पर मोहन भागवत का संदेश: स्वदेशी अपनाएं, आत्मनिर्भर बनें

नागपुर। विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर मुख्यालय से संबोधित करते हुए स्वदेशी अपनाने और आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ नीति अपनाने से यह स्पष्ट हो गया कि आत्मनिर्भरता के बिना कोई राष्ट्र लंबे समय तक स्थिर नहीं रह सकता। भागवत ने कहा, “स्वदेशी और स्वावलंबन का कोई विकल्प नहीं है।”

संघ प्रमुख ने पड़ोसी देशों की बदलती स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत को स्थिर और मजबूत बनाने के लिए युवाओं को उद्यमिता और राष्ट्रभक्ति के मार्ग पर बढ़ना होगा। उनका मानना है कि युवाओं में बढ़ती राष्ट्रभक्ति ही भविष्य की सबसे बड़ी आशा की किरण है।

भागवत ने सामाजिक सुधारों पर भी जोर दिया और कहा, “व्यवस्था बनाने वाला मनुष्य है। व्यक्ति परिवर्तन से समाज परिवर्तन और समाज परिवर्तन से व्यवस्था परिवर्तन होता है। जैसा देश आप चाहते हैं, वैसा आचरण आपको खुद अपनाना होगा।”

उन्होंने पुनः स्पष्ट किया कि संघ राजनीति में नहीं उतरता। संघ की शाखाएं व्यक्ति की आदतों और आचरण को सुधारकर राष्ट्रभक्ति और व्यक्तित्व निर्माण का कार्य करती हैं, राजनीति नहीं। भागवत ने कहा कि कई निमंत्रण मिलने के बावजूद संघ ने हमेशा राजनीति से दूरी बनाए रखी है।

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