H-1B Visa Rules Change: ट्रंप के फैसले के बाद अमेरिकी टेक कंपनियों में हड़कंप

अमेरिका। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस बढ़ाने का ऐलान किया है। इसके बाद अमेरिकी टेक कंपनियों मेटा, अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट में हड़कंप मच गया। इन कंपनियों ने अपने H-1B वीजा धारक कर्मचारियों से अमेरिका न छोड़ने और विदेश गए कर्मचारियों को तुरंत लौटने की अपील की है।
मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़न का नोटिस
राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले के बाद इन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ईमेल और नोटिस भेजे।
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मेटा: H-1B और H4 वीजा धारकों को 24 घंटे के भीतर अमेरिका लौटने की अपील।
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माइक्रोसॉफ्ट: H-1B वीजा धारकों से कहा कि वे अगले 14 दिन तक देश से बाहर न जाएं, वरना लौटने में परेशानी हो सकती है।
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अमेज़न: कंपनी ने अपने सबसे अधिक H-1B कर्मचारियों को नोटिस भेजा कि फिलहाल अमेरिका में ही रहें।
इन कंपनियों का यह कदम कर्मचारियों को नई नियमावली के तहत किसी परेशानी से बचाने के लिए किया गया है।
ट्रंप ने H-1B वीजा में क्या बदलाव किया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इसके अनुसार:
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H-1B वीजा की फीस बढ़ाकर एक लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) कर दी गई।
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यह आदेश 21 सितंबर से लागू होगा और अगले 12 महीने तक प्रभावी रहेगा।
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भविष्य में इसे बढ़ाने का अधिकार राष्ट्रपति ट्रंप के पास रहेगा।
इस बदलाव से अमेरिका में विदेशी कर्मचारियों की स्थिति पर सीधा असर पड़ेगा, विशेषकर उन कर्मचारियों पर जो टेक कंपनियों में H-1B वीजा पर काम कर रहे हैं।
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