Delhi Air Pollution: राजधानी की हवा में सबसे ज्यादा पारा, जानिए कितना है खतरा

राष्ट्रीय राजधानी की हवा हर साल अक्टूबर में सबसे ज्यादा जहरीली हो जाती है, लेकिन पूरे साल भी इसकी गुणवत्ता चिंताजनक बनी रहती है। हाल ही में एक शोध में सामने आया है कि Delhi Air Pollution सिर्फ धूल और धुएं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पारा जैसी खतरनाक धातु भी मौजूद है। हैरानी की बात यह है कि दिल्ली की हवा में पारे का स्तर दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा पाया गया है।
पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) ने 6 साल तक अध्ययन कर बताया कि दिल्ली की हवा में पारा औसतन 6.9 नैनोग्राम प्रति घन मीटर है। तुलना में अहमदाबाद में यह स्तर 2.1 और पुणे में 1.5 नैनोग्राम प्रति घन मीटर पाया गया। यानी दिल्ली की हवा में पारे का स्तर वैश्विक स्तर से करीब 13 गुना ज्यादा है। शोध में यह भी सामने आया कि 72% से 92% पारा कोयला जलाने, वाहन प्रदूषण और उद्योगों जैसी मानवीय गतिविधियों से निकलता है। खासतौर पर सर्दियों में स्थिर मौसम और पराली जलाने के कारण इसकी मात्रा और बढ़ जाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने पारे को मानव स्वास्थ्य के लिए 10 सबसे खतरनाक रसायनों में शामिल किया है। लंबे समय तक ऐसी हवा में सांस लेने से तंत्रिका तंत्र, गुर्दे, फेफड़े, पाचन तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली को गंभीर नुकसान हो सकता है। अच्छी बात यह है कि IITM वैज्ञानिकों के अनुसार हाल के वर्षों में दिल्ली की हवा में पारे का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है।