Nepal Cabinet Expansion: सुशीला कार्की बनीं नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री, तीन नए मंत्री शामिल

नेपाल एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। हालिया प्रदर्शनों और हिंसा के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद देश में नई कार्यवाहक सरकार का गठन हुआ है। इस सरकार की कमान नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने संभाली है, जो नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं। उनका नेतृत्व नेपाल की राजनीति में एक नया अध्याय खोल रहा है।
मंत्रिमंडल का विस्तार: तीन नए चेहरे शामिल
सोमवार को राजधानी काठमांडू स्थित शीतल निवास में सुशीला कार्की ने अपने अंतरिम मंत्रिमंडल का पहला विस्तार किया। तीन नए मंत्रियों ने शपथ ली और उन्हें अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई:
-
कुलमन घीसिंग – ऊर्जा, शहरी विकास और भौतिक अवसंरचना मंत्रालय।
-
ओम प्रकाश आर्यल – विधि और गृह मंत्रालय।
-
रामेश्वर खनल – वित्त मंत्रालय।
यह मंत्रिमंडल अनुभव, कार्यक्षमता और पारदर्शिता का संतुलित मिश्रण माना जा रहा है, जो संक्रमणकाल में नेपाल की स्थिरता सुनिश्चित करने में मददगार हो सकता है।
अशांति की पृष्ठभूमि: सोशल मीडिया बैन बनी वजह
नेपाल में हालिया प्रदर्शनों की शुरुआत तब हुई जब पिछली सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया। इसे भ्रष्टाचार की आवाज दबाने की कोशिश बताया गया। इस फैसले के खिलाफ Gen-Z युवा पीढ़ी सड़कों पर उतर आई। पुलिस की गोलीबारी में कई युवाओं की मौत हुई और हिंसा फैल गई। बढ़ते जनदबाव के चलते आखिरकार ओली को इस्तीफा देना पड़ा।
2026 में आम चुनाव होंगे
शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने साफ किया कि यह सरकार सिर्फ अंतरिम और ट्रांजिशनल होगी। उन्होंने घोषणा की कि 5 मार्च 2026 को आम चुनाव कराए जाएंगे, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल की जा सके।
उम्मीद की नई शुरुआत
नेपाल के मौजूदा संकट में सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना ऐतिहासिक है। यह न केवल महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि देश की युवा शक्ति और पारदर्शिता की मांग का भी जवाब है। अब सबकी निगाहें इस पर होंगी कि नेपाल इस राजनीतिक संक्रमण को कितनी सफलता से पार करता है।