
पटना/बक्सर. बिहार के कुख्यात अपराधियों की फेहरिस्त में शामिल रहे चंदन मिश्रा की पटना के एक निजी अस्पताल में हत्या के बाद पूरे सूबे में खलबली मच गई है. ICU में घुसकर जिस तरह से अपराधियों ने चंदन मिश्रा को गोलियों से भून डाला, वह न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि बिहार के अपराध जगत में नई गैंगवार की पटकथा भी लिखे जाने की ओर इशारा करता है.
पारस अस्पताल मर्डर केस के बाद चंदन मिश्रा और शेरू सिंह गैंग की कहानी भी चर्चा में आ गयी है. दरअसल एक समय था जब इन दोनों की जोड़ी बक्सर जिले में दहशत का पर्याय बन चुकी थी. व्यवसायियों से रंगदारी, हत्या, लूट और खुलेआम गोलीबारी जैसी घटनाएं आम थीं. लेकिन, पारस अस्पताल में घटना ने बता दिया कि बिहार में गैंगवार की नई कहानी शुरू हो गयी है.
चंदन मिश्रा-बक्सर का बड़ा चेहरा
बक्सर जिले के औद्योगिक थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव का रहने वाला चंदन मिश्रा चुना व्यवसायी राजेंद्र केसरी, जेलकर्मी हैदर अली, भरत राय और शिवजी खरवार की हत्याओं में आरोपी रहा है. इन मामलों में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी. लेकिन, हाल ही में इलाज के नाम पर 21 दिन की पैरोल पर पटना लाया गया था और इसी दौरान पारस अस्पताल के उसकी हत्या कर दी गयी.
शेरू सिंह- पहले साथी, अब दुश्मन?
शेरू सिंह बक्सर जिले के दुल्लहपुर गांव का निवासी है. एक समय चंदन मिश्रा का सबसे करीबी रहा शेरू सिंह अब उसकी हत्या के पीछे सबसे बड़ा संदिग्ध माना जा रहा है. पुलिस सूत्रों की मानें तो दोनों अपराधियों के बीच किसी वर्चस्व की लड़ाई को लेकर दूरी बढ़ी थी. धीरे-धीरे यह दुश्मनी में बदल गई. पहले दोनों एक ही गिरोह से जुड़े थे और बेऊर जेल में एक साथ बंद भी थे. लेकिन, तनिष्क लूटकांड और बंगाल सोना लूटकांड के बाद शेरू सिंह की पहचान एक अलग गिरोह के मुखिया के रूप में हो गई थी. अब सवाल उठता है- क्या चंदन मिश्रा की हत्या, शेरू सिंह द्वारा रची गई गैंगवार की साजिश का हिस्सा थी? पुलिस इस दिशा में गंभीरता से जांच कर रही है।
टूटी दोस्ती और शुरू हुई खामोश जंग
पुलिस को मिले सुरागों और सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि हमलावर पूरी तैयारी के साथ आए थे और उन्हें अस्पताल के भीतर तक पहुंचाने में संभावित अंदरूनी सहयोग भी मिला है। यह दर्शाता है कि हत्या किसी आम दुश्मनी का परिणाम नहीं, बल्कि पूरी तरह प्लान की गई साजिश थी.
पुलिस अलर्ट, सियासत गरम
बक्सर एसपी शुभम आर्य ने जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. शूटरों की तस्वीरें आस-पास के जिलों और सीमावर्ती इलाकों में भेज दी गई हैं. वहीं, पटना के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी इस केस को गैंगवार से जोड़कर देख रहे हैं. साथ ही इस घटना के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या पुलिस चंदन मिश्रा की हत्या के पीछे के असली चेहरे को बेनकाब कर पाएगी?