B.Tech, MBA के बाद पास की UPSC, IAS प्रीति कुमारी के लीव लेने की हो रही है चर्चा, जानें क्या है पूरा मामला

प्रीति कुमारी कब बनीं IAS?
प्रीति कुमारी ने 2010 से 2014 तक भगत फूल सिंह वूमेन्स यूनिवर्सिटी कानपुर कलान सोनीपत से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बीटेक किया. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स से एमबीए की डिग्री ली. बाद में वह यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईएएस बन गईं.
प्रीति कुमारी ने साल 2020 में सिविल सर्विसेज एग्जाम पास करके IAS की परीक्षा में सफलता हासिल की और उन्हें असम-मेघालय कैडर आवंटित हुआ. अपनी ट्रेनिंग की शुरुआत उन्होंने अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 तक लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी में फाउंडेशन कोर्स और फेज-1 के साथ की.
यह ट्रेनिंग 6 महीने चली. इसके बाद मार्च 2021 से अप्रैल 2022 तक वे असम के कामरूप ग्रामीण में सहायक आयुक्त (अंडर ट्रेनिंग) के रूप में 1 साल 2 महीने तक जिला प्रशिक्षण पर रहीं. मई 2022 से जुलाई 2022 तक उन्होंने मसूरी में फेज-2 की ट्रेनिंग पूरी की जो 3 महीने चली.
IAS से पहले क्या करती थीं काम?
प्रीति कुमारी ने मई 2016 से मार्च 2020 तक नई दिल्ली में ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (TPCI) में रिसर्च एनालिस्ट के रूप में 3 साल 11 महीने तक काम किया.इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार डेटा और मैक्रो-इकनॉमिक डेटा का विश्लेषण किया, जिसमें WTO, कृषि और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर खास ध्यान रहा. उनकी खास स्किल्स में ट्रेड डेटा रिग्रेशन मॉडलिंग, टाइम सीरीज फोरकास्टिंग, ग्रेंजर कॉजैलिटी और डेटा विजुअलाइजेशन शामिल हैं.इससे पहले करियर की शुरुआत में अगस्त 2015 में उन्होंने शेलटैग में 1 महीने की इंटर्नशिप की. जून 2015 से जुलाई 2015 तक उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, काशीपुर में रिसर्च एनालिस्ट (इंटर्न) के रूप में 2 महीने तक काम किया. अगस्त 2014 से सितंबर 2014 तक इंडियन टोनर्स एंड डेवलपर्स लिमिटेड में मार्केट बिजनेस एनालिस्ट (इंटर्न) और दिसंबर 2013 से जनवरी 2014 तक इवेलिन लर्निंग सिस्टम्स में टेक्निकल कंटेंट डेवलपर ट्रेनी (इंटर्न) के रूप में 2-2 महीने की इंटर्नशिप की.ये अनुभव उनके लिए मजबूत आधार बने.